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This Article is From Jul 09, 2019

यशंवत सिन्हा इस तरह से अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में बने थे वित्त मंत्री

अटल बिहारी वायजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की आत्मकथा पुस्तक 'रिलेंटलेस' (Relentless) 15 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पुस्तक विमोचन किया जाएगा.

यशंवत सिन्हा इस तरह से अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में बने थे वित्त मंत्री
अटल बिहारी वायजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की आत्मकथा पुस्तक 'रिलेंटलेस'
नई दिल्ली:

अटल बिहारी वायजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की आत्मकथा पुस्तक 'रिलेंटलेस' (Relentless) 15 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पुस्तक विमोचन किया जाएगा. इसकी जानकारी खुद यशवंत सिन्हा ने ट्विटर पर अपने ट्वीट के जरिए दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ''मेरी आत्मकथा 'रिलेंटलेस' (Relentless) पुस्तक 15 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा आईआईसी के मल्टिपर्पज हॉल में शाम 6 बजे विमोचन किया जाएगा.'' इस पुस्तक में एक अंश का जिक्र करते हुए रवीश कुमार ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी. जिसमें उन्होंने बताया कैसे वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया.

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रवीश कुमार ने लिखा, ''तब तक यशंवत सिन्हा को पता ही नहीं था कि वे भारत के वित्त मंत्री होने वाले हैं. गोविंदाचार्य के कहने पर दिल्ली आ गए. शपथ ग्रहण के बाद भी मंत्रालय का पता नहीं था. वाजपेयी से नज़र टकराई तो कहा कि आपको हमारे क्षेत्र आना है. जवाब में वाजपेयी ने कहा कि तब बजट कौन बनाएगा. वे वित्त मंत्री हो गए. लिखा है कि वसंत विहार के दो कमरे के मकान में जगह ही नहीं थी. बधाई देने वालों से घर भर गया था. मगर अगले दिन पता चला कि जयललिता ज़ोर दे रही थी कि उनके सांसद को राजस्व का स्वतंत्र प्रभार दिया जाए.

यशवंत सिन्हा ने वाजपेयी को समझाया कि तब तो मंत्रालय ही हाथ से चला जाएगा. वाजपेयी ने जसवंत सिंह से कहा कि फिर बात कीजिए. तब भी जयललिता नहीं मानीं। वाजपेयी ने यशवंत सिन्हा से कहा कि आप ही संभालो। यशवंत सिन्हा अपने सचिव मोंटेक सिंह अहलूवालिया के पास जाते हैं और कहते हैं कि अपनी अंग्रेज़ी का इस्तमाल करो और रास्ता निकालो। मोंटेक ऐसी भाषा का इस्तमाल करते हैं कि राजस्व का अधिकार यशवंत सिन्हा के पास रह गया और मंत्रालय का नाम जयललिता के सांसद आर के कुमार के पास।

यशवंत सिन्हा ने अपनी आत्मकथा लिखी है. Relentless. हमने जो पन्ना पलटा उस पर यही मिला. ब्लूम्सबरी ने छपाई की है.''

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