याकूब मेमन की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
याकूब मेमन को अब फांसी होने जा रही है। 1993 के धमाकों के पीड़ितों को ये अपने लिए इंसाफ़ लग रहा है। लेकिन उन धमाकों के असली मुजरिम सीमा पार हैं। याक़ूब के ही तीन भाई कराची में रह रहे हैं जिन्हें वापस लाना एक चुनौती है।
1993 धमाकों के साल भर के भीतर याक़ूब मेमन अपने क़रीबी लोगों के साथ भारत लौट आया। उसके परिवारवालों का दावा है कि उसे मेमन होने की सज़ा भुगतनी पड़ी। असली गुनहगार सरहद पार बैठे हैं। सज़ा टाइगर मेमन को होनी चाहिए। दरअसल याक़ूब के तीन भाई अब भी कराची में हैं और उन पर याक़ूब से कहीं ज़्यादा संगीन आरोप हैं। रॉ के मुताबिक पूरा परिवार धमाकों से पहले पाकिस्तान चला गया था और वहीं के पासपोर्ट के सहारे कराची में रह रहा है।
एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक
- इब्राहिम रज्जाक मेमन, यानी टाइगर मेमन दाऊद का क़रीबी है और धमाकों का मुख्य आरोपी है।
- टाइगर ने धमाकों की ट्रेनिंग ली थी और 1993 में उसी ने शेखड़ी में हथियार और विस्फोटक उतरवाए थे।
- टाइगर की बेगम शबाना मेमन भी उसी के साथ है।
- दूसरा भाई अयूब अब्दुल रज्जाक मेमन वहीं कंस्ट्रक्शन के काम में लगा है।
- वो 1993 में याक़ूब मेमन की बनाई कंपनी होमलैंड बिल्डर्स ऐंड डेवलपर्स में कयूम के नाम से काम कर रहा है।
- रेशमा मेमन अयूब की बेगम है।
- तीसरा भाई है शफ़ी कासिम मेमन उर्फ़ जरीवाला।
- जरीवाला पर धमाकों के दौरान गाड़ियां और हथियार मुहैया कराने का आरोप है।
- उसकी बेगम रुख़साना शफ़ी अदालत से बरी हो चुकी है और फ़िलहाल मुम्बई के कुर्ला में रहती है।
- भारतीय एजेंसियों के मुताबिक जरीवाला ने अपने रिश्ते की बहन सलमा से निकाह किया है और उसके बेटे और एक बेटी है। ये सब लोग पाकिस्तान में ही रहते हैं।
मुंबई धमाकों के सबसे बड़े मुजरिम अब भी पाकिस्तान में बैठे हुए हैं। भारतीय एजेंसियों के लिए ये सवाल हमेशा से बड़ा रहा है कि दाऊद और टाइगर मेमन के इस कुनबे को वो कैसे भारत लाए।
1993 धमाकों के साल भर के भीतर याक़ूब मेमन अपने क़रीबी लोगों के साथ भारत लौट आया। उसके परिवारवालों का दावा है कि उसे मेमन होने की सज़ा भुगतनी पड़ी। असली गुनहगार सरहद पार बैठे हैं। सज़ा टाइगर मेमन को होनी चाहिए। दरअसल याक़ूब के तीन भाई अब भी कराची में हैं और उन पर याक़ूब से कहीं ज़्यादा संगीन आरोप हैं। रॉ के मुताबिक पूरा परिवार धमाकों से पहले पाकिस्तान चला गया था और वहीं के पासपोर्ट के सहारे कराची में रह रहा है।
एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक
- इब्राहिम रज्जाक मेमन, यानी टाइगर मेमन दाऊद का क़रीबी है और धमाकों का मुख्य आरोपी है।
- टाइगर ने धमाकों की ट्रेनिंग ली थी और 1993 में उसी ने शेखड़ी में हथियार और विस्फोटक उतरवाए थे।
- टाइगर की बेगम शबाना मेमन भी उसी के साथ है।
- दूसरा भाई अयूब अब्दुल रज्जाक मेमन वहीं कंस्ट्रक्शन के काम में लगा है।
- वो 1993 में याक़ूब मेमन की बनाई कंपनी होमलैंड बिल्डर्स ऐंड डेवलपर्स में कयूम के नाम से काम कर रहा है।
- रेशमा मेमन अयूब की बेगम है।
- तीसरा भाई है शफ़ी कासिम मेमन उर्फ़ जरीवाला।
- जरीवाला पर धमाकों के दौरान गाड़ियां और हथियार मुहैया कराने का आरोप है।
- उसकी बेगम रुख़साना शफ़ी अदालत से बरी हो चुकी है और फ़िलहाल मुम्बई के कुर्ला में रहती है।
- भारतीय एजेंसियों के मुताबिक जरीवाला ने अपने रिश्ते की बहन सलमा से निकाह किया है और उसके बेटे और एक बेटी है। ये सब लोग पाकिस्तान में ही रहते हैं।
मुंबई धमाकों के सबसे बड़े मुजरिम अब भी पाकिस्तान में बैठे हुए हैं। भारतीय एजेंसियों के लिए ये सवाल हमेशा से बड़ा रहा है कि दाऊद और टाइगर मेमन के इस कुनबे को वो कैसे भारत लाए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
याकूब मेमन, याकूब को फांसी, 1993 मुंबई बम धमाके, टाइगर मेमन, दाऊद इब्राहिम, Yakub Memon, Yakub Memon Death Sentence, Yakub Memon Execution, 1993 Bombay Blasts, Tiger Memon, Dawood Ibrahim