वाराणसी में विश्व पत्रकारिता दिवस पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी में तस्वीर लेती हुई एक दर्शक।
वाराणसी:
बनारस विश्व की प्राचीन नगरी माना जाता है। इसकी गलियों में प्राचीन मन्दिर और इसके घाट की बनावट दुनिया भर के फोटोग्राफरों को अपनी तरफ खींचते रहे हैं।
घाटों कि तस्वीरों को आप किसी भी एंगल से खींचें, हर दृश्य घाटों की कोई अलग कहानी बयां करता हुआ लगेगा। इन्ही बोलती तस्वीरों कि वजह से इसे फोटोग्राफी की दुनिया में खास तौर पर पहचाना जाता है।
बनारस के गाय घाट, अस्सी घाट, चेत सिंह घाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेघ घाट, आदि केशव घाट, प्रहलाद घाट के प्राचीन फोटो प्रदर्शनी में आए लोगों को अपनी तरफ खींच रहे थे। इन चित्रों को देखकर काशी के तत्कालीन स्मारकों ,घाटों की स्थिति और उनके ऐतिहासिक स्वरूप की सहज कल्पना की जा सकती है।
घाटों कि तस्वीरों को आप किसी भी एंगल से खींचें, हर दृश्य घाटों की कोई अलग कहानी बयां करता हुआ लगेगा। इन्ही बोलती तस्वीरों कि वजह से इसे फोटोग्राफी की दुनिया में खास तौर पर पहचाना जाता है।
विश्व पत्रकारिता दिवस के मौके पर बनारस में फोटोग्राफरों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए। बनारस के मान मन्दिर घाट के मान महल में एक फोटो प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी की ख़ास बात यह थी कि इसमें बनारस के घाटों की सन 1840, 1860, 1905 के जमाने की तस्वीरें शामिल थीं।
बनारस के गाय घाट, अस्सी घाट, चेत सिंह घाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेघ घाट, आदि केशव घाट, प्रहलाद घाट के प्राचीन फोटो प्रदर्शनी में आए लोगों को अपनी तरफ खींच रहे थे। इन चित्रों को देखकर काशी के तत्कालीन स्मारकों ,घाटों की स्थिति और उनके ऐतिहासिक स्वरूप की सहज कल्पना की जा सकती है।
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