वर्ल्ड हेरीटेज कन्वेंशन (World heritage convention) पहली बार भारत में होने जा रहा है. इसका उद्घाटन 21 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. वर्ल्ड हेरीटेज कमेटी (विश्व धरोहर समिति) की बैठक में 150 देशों के 2000 प्रतिनिधि आएंगे. यह कन्वेंशन 21 जुलाई को शुरू होगा और 31 जुलाई को इसका समापन होगा.
संस्कृति मंत्रालय ने इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई है. भारत मंडपम में यह कन्वेंशन होगा. इस मौके पर वहां रेलवे, हेरीटेज, हैंडीक्राफ्ट जैसी कई प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी. एलोरा, कैलाश जैसे कई पुरातात्विक स्थल के डिजिटल डोम बनाए जांएगे ताकि वहां जाकर लोग उन स्थलों को महसूस कर सकें.
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि, विरासत का सम्मान करके विकास करेंगे. तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह पहला मेगा इवेंट हो रहा है. यह जी-20 के बाद सरकार का पहला मेगा इवेंट है. विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र मील का पत्थर साबित होगा.
उन्होंने कहा कि, अब तक 1199 धरोहरों को संरक्षित करने के लिए चिन्हित किया गया है. उनके रखरखाव की चर्चा इस बैठक में होगी लेकिन नए डोजियर से नई धरोहरें सूचित की जाएंगी.
भारत वर्ल्ड गवर्निंग कमेटी का सदस्य
उन्होंने कहा कि, भारत वर्ल्ड गवर्निंग कमेटी का सदस्य है. पहली बार वर्ल्ड हेरीटेज कन्वेंशन भारत की अध्यक्षता में हो रहा है. इसमें यूनेस्के के डायरेक्टर जनरल होंगे, भारत के प्रधानमंत्री होंगे. कार्यक्रम के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है.
शेखावत ने कहा कि विश्व धरोहर समिति (WHC) का सत्र भारत को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अपने स्थलों के रख-रखाव और प्रबंधन तथा भारत द्वारा अपनी विरासत को दी जाने वाली प्राथमिकता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा. 21 तारीख को इसका उद्घाटन होगा. इसका लोगो हंपी का रथ लिया गया है.
भारत का दुनिया में यूनेस्को स्थलों की संख्या के हिसाब से छठा स्थान है. इसके साथ ही एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत दूसरे नंबर पर है.
डब्ल्यूएचसी के सत्र से पहले, सरकार ने हाल में एक लोक कला परियोजना शुरू की है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत और देश के यूनेस्को विरासत स्थलों पर आधारित कार्य शामिल हैं.
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