नारी शक्ति वंदन बिल मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में सरकार की तरफ से पेश किया गया. संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही आज नए संसद भवन में हुई. लोकसभा और विधानसभा में महिला को 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला बिल सदन के पटल पर रखा गया. इस बिल को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (Arjunram Meghwal) ने लोकसभा में पेश किया. उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा. अभी इस बिल पर कल चर्चा की जाएगी.पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियन नाम दिया है. उन्होंने कहा कि इस बिल से लोकतंत्र मजबूत होगा और लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने किया स्वागत
सरकार द्वारा लाए गए बिल का बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की तरफ से स्वागत किया गया है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी ने बिल के प्रावधान को लेकर सवाल खड़े किए हैं. राजद नेता बिहार की पूर्व सीएम और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने कहा, "महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो. मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है. हालांकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अब दलगत राजनीति से ऊपर उठें. हम महिला आरक्षण बिल पर बिना शर्त के समर्थन करेंगे.
ये भी पढे़ं-महिला आरक्षण बिल में SC-ST के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान, OBC को जगह नहीं
महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण-कानून मंत्री
बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पेश किया. इसमें SC, ST के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है. कल महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के बाद इसे पारित किया जाएगा. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल जल्द से लागू करने पर जोर दिया गया है. विपक्षी दल कांग्रेस ने भी महिला आरक्षण बिल को जल्द से जल्द लागू करने की मांग उठाई थी. वहीं सरकार भी इस बिल को जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दे रही है.
नारी शक्ति वंदन बिल में OBC को जगह नहीं
नारी शक्ति वंदन बिल में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है, वहीं OBC को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में जगह नहीं दी गई है. क्योंकि संविधान में भी वह विधायिकाओं के लिए नहीं दिया गया. यह कोटा राज्यसभा अथवा राज्यों की विधान परिषदों में भी लागू नहीं किया जाएगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने किया स्वागत
महिला आरक्षण बिल का स्वागत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:” को देश के लोकतंत्र में चरितार्थ करके दिखाया है.
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने आज भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:” को देश के लोकतंत्र में चरितार्थ करके दिखाया है। आज लोकसभा में पेश हुआ 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' एक ऐसा निर्णय है, जिससे हमारी नारी शक्ति को सही मायने में उनका…
— Amit Shah (@AmitShah) September 19, 2023
मायावती ने क्या कहा?
बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस बिल का स्वागत किया है.उन्होंने कहा कि यह बिल लंबे समय से अटका हुआ था. अगर 33 की जगह 50 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया जाता तो वह इसका स्वागत करतीं.
3 दशक से पेंडिंग था बिल
संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग था. यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था. 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था. तब सपा और आरजेडी ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी.
इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया. तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग है. अब मोदी सरकार ने लोकसभा में इसे पास करा लिया है. ये बिल चर्चा के लिए राज्यसभा में भेजा जाएगा. फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद ये बिल कानून बन जाएगा.
ये भी पढे़ं-महिला आरक्षण बिल: विपक्षी गठबंधन INDIA की परीक्षा, उजागर हो सकती हैं भीतर की दरारें
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं