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This Article is From Apr 17, 2020

Coronavirus Lockdown में बीमार बेटे से मिलने को मां ने 3 दिन में तय की 2700 KM की दूरी

महिला का बेटा अरुण कुमार (29) बीएसएफ में कार्यरत है और राजस्थान में पोस्टेड है. जोधपुर स्थित AIIMS के एक डॉक्टर ने कुछ दिनों पहले अरुण के परिवार को उसका स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी दी थी.

Coronavirus Lockdown में बीमार बेटे से मिलने को मां ने 3 दिन में तय की 2700 KM की दूरी
महिला के परिवार ने कार से तीन दिन में यह सफर तय किया. (सांकेतिक तस्वीर)
तिरुवनंतपुरम:

भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के एहतियातन 40 दिनों का लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) लगाया गया है. 3 मई तक यह प्रभावी रहेगा. लॉकडाउन का पालन करने को लेकर सभी राज्यों ने अपनी-अपनी सीमाओं को सील किया हुआ है. मेडिकल सेवाओं को लेकर ही इसमें छूट दी जा रही है. बीमार बेटे से मिलने के लिए एक मां के 6 राज्यों की सीमाओं को लांघते हुए तीन दिन में 2700 किलोमीटर सफर तय करने का एक ऐसा ही मामला अब सामने आया है. महिला ने बहू व अन्य रिश्तेदारों के साथ कार से यह सफर तय किया.

मिली जानकारी के अनुसार, महिला का बेटा अरुण कुमार (29) बीएसएफ में कार्यरत है और राजस्थान में पोस्टेड है. जोधपुर स्थित AIIMS के एक डॉक्टर ने कुछ दिनों पहले अरुण के परिवार को उसका स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी दी थी. जिसके बाद अरुण की मां शीलम्मा वासन (50) ने बेटे के पास जाने की ठानी और कार से अपनी बहू और कुछ रिश्तेदारों को लेकर निकल पड़ीं. उन्होंने केरल से अपना सफर शुरू किया और तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से होते हुए राजस्थान की सीमा में दाखिल हुए.

शीलम्मा ने बताया कि उनके बेटे की हालत में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा से वह केरल से राजस्थान बिना किसी परेशानी के पहुंच गईं. शीलम्मा ने मदद के लिए केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन, मुख्यमंत्री पी. विजयन और कांग्रेस नेता ओमान चांडी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने बताया कि इन्हीं की वजह से उन्हें अन्य राज्यों में दाखिल होने के लिए जरूरी दस्तावेज मिल पाए. शीलम्मा ने वीएचपी से जुड़े एक हिंदू संगठन को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने ही उन्हें जोधपुर तक मुफ्त गाड़ी मुहैया कराई थी.

बता दें कि अरुण कुमार इसी साल फरवरी में अपने घर गए थे. जोधपुर लौटते ही वह बीमार हो गए. वह म्योसिटीस नामक बीमारी से ग्रसित हैं. उन्होंने अपनी मां और पत्नी से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. उनका एक साल का बेटा इस समय उनके पैतृक घर केरल में ही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ है.

VIDEO: लॉकडाउन बढ़ने से बढ़ी प्रवासी मजदूरों की समस्या

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