सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विज्ञान भवन में नेशनल प्रेस डे के मौके पर प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भावना की जगह तर्क से काम लें और पुरस्कार लौटाने की जगह बहस करें। प्रेस डे के मौके पर पत्रकारों को सम्मानित करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इस सम्मान का वे सम्मान करें। इसे लौटाएं नहीं, असहमति पर बहस करें। दूसरी तरफ सोमवार को बढ़ती असहिष्णुता पर बहस की जगह आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दल लामबंद होने लगे हैं।
वीके सिंह ने कहा, बहस के पीछे पैसे का खेल
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि असहनशीलता की बहस के पीछे पैसे का खेल है। अमेरिका में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत में असहनशीलता पर बहस बेमानी है क्योंकि इस मुद्दे को पैसे लेकर खड़ा किया गया है। यह बहस राजनीति से प्रेरित है।
सीपीएम ने प्रस्ताव के लिए दिया नोटिस
अब विपक्ष संसद में प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर घेरने जा रहा है। सीपीएम ने राज्यसभा में असहनशीलता पर प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया है। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने राज्यसभा में नोटिस दिया है। हमारी मांग है कि राज्य सभा में एक रेजोल्यूशन पारित हो असहनशीलता के खिलाफ, जो सरकारी मशीनरी के लिए दिशा-निर्देश की तरह हो। हम सभी विपक्षी दलों से बात करेंगे जिससे विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होकर पहल करे।"
जेडी-यू को चाहिए प्रधानमंत्री से जवाब
उधर जेडी-यू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने राज्य सभा के सभापति को एक अलग नोटिस देकर मांग की है कि असहनशीलता के मुद्दे पर सदन की कार्रवाई रोककर पूरे दिन इस मसले पर चर्चा कराई जाए। जेडी-यू के सांसदों ने तय किया है कि कि वे राज्य सभा में यह मांग करेंगे कि राज्य सभा में असहनशीलता पर बहस का प्रधानमंत्री जवाब दें और वे ऐसे सभी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में भड़काऊ बयान दिए हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले असहनशीलते के मुद्दे पर विपक्ष लामबंद हो रहा है और इस संवेदनशील मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। अब देखना अहम होगा कि सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष की इस मुहिम से कैसे निपटती है।
वीके सिंह ने कहा, बहस के पीछे पैसे का खेल
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि असहनशीलता की बहस के पीछे पैसे का खेल है। अमेरिका में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत में असहनशीलता पर बहस बेमानी है क्योंकि इस मुद्दे को पैसे लेकर खड़ा किया गया है। यह बहस राजनीति से प्रेरित है।
सीपीएम ने प्रस्ताव के लिए दिया नोटिस
अब विपक्ष संसद में प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर घेरने जा रहा है। सीपीएम ने राज्यसभा में असहनशीलता पर प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया है। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने राज्यसभा में नोटिस दिया है। हमारी मांग है कि राज्य सभा में एक रेजोल्यूशन पारित हो असहनशीलता के खिलाफ, जो सरकारी मशीनरी के लिए दिशा-निर्देश की तरह हो। हम सभी विपक्षी दलों से बात करेंगे जिससे विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होकर पहल करे।"
जेडी-यू को चाहिए प्रधानमंत्री से जवाब
उधर जेडी-यू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने राज्य सभा के सभापति को एक अलग नोटिस देकर मांग की है कि असहनशीलता के मुद्दे पर सदन की कार्रवाई रोककर पूरे दिन इस मसले पर चर्चा कराई जाए। जेडी-यू के सांसदों ने तय किया है कि कि वे राज्य सभा में यह मांग करेंगे कि राज्य सभा में असहनशीलता पर बहस का प्रधानमंत्री जवाब दें और वे ऐसे सभी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में भड़काऊ बयान दिए हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले असहनशीलते के मुद्दे पर विपक्ष लामबंद हो रहा है और इस संवेदनशील मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। अब देखना अहम होगा कि सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष की इस मुहिम से कैसे निपटती है।
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