राहुल गांधी की अयोग्यता के बाद खाली वायनाड सीट पर उपचुनाव का नहीं हुआ ऐलान, जानें क्यों?

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 2015 की धारा 151ए के अनुसार, संसद और राज्य विधानसभाओं में रिक्त सीटों पर उपचुनाव सीट के खाली होने के छह महीने के भीतर होना चाहिए.

नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के दौरान चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्‍यता जाने के बाद खाली हुई वायनाड सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है. चुनाव आयोग ने कहा कि वायनाड उपचुनाव को लेकर अदालती आदेश के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. कोई जल्दबाजी नहीं है, निचली अदालत ने अपील के लिए एक महीने का समय दिया है. कर्नाटक में रहने वालों की और वहां चुनाव लड़ने वालों की तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा को लेकर दिलचस्पी थी ही, लेकिन देश भर की दिलचस्पी इस बात को लेकर थी कि क्या चुनाव आयोग आज केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर भी चुनावों का ऐलान करेगा? राहुल गांधी की जगह कौन इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ेगा? हालांकि, चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि वह वायनाड में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लेने जा रहा.  कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद केरल की वायनाड लोकसभा सीट रिक्त है. गुजरात के सूरत की एक अदालत से मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा के बाद राहुल गांधी संसद सदस्य के रूप में भी अयोग्य घोषित हो चुके हैं. 

दो सीटें हैं रिक्त
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 2015 की धारा 151ए के अनुसार, संसद और राज्य विधानसभाओं में रिक्त सीटों पर उपचुनाव सीट के खाली होने के छह महीने के भीतर होना चाहिए. इसी अधिनियम के तहत राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया है. अधिनियम की धारा 8 (3) कहती है कि एक सांसद को उस समय अयोग्य ठहराया जाता है, जब उसे दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है. लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी की अयोग्यता को अधिसूचित कर चुकी है और अब उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करना चुनाव आयोग पर निर्भर है. लोकसभा में अभी दो सीटें जालंधर और वायनाड रिक्त हैं. चुनाव आयोग ने जालंधर में उपचुनाव की घोषणा कर दी है. जालंधर लोकसभा सीट पर भी 10 मई को मतदान होगा. चुनाव नतीजे 13 मई को आएंगे.

कांग्रेस लगातार कर रही विरोध
राहुल गांधी 2019 में उत्तर प्रदेश में अपनी अमेठी सीट हार गए थे और अपनी दूसरी सीट वायनाड से चुने गए थे. मानहानि का मामला, 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी की टिप्पणी "सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है" से संबंधित है. गुजरात के एक पूर्व मंत्री ने शिकायत दर्ज की थी कि राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है. राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है. मंगलवार की शाम कांग्रेस पार्टी की तरफ से दिल्ली के लाल किले पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई. जानकारी के अनुसार  टी एन प्रतापन, जेपी अग्रवाल, हरीश रावत और शक्ति सिंह गोहिल समेत क़रीब 100 प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए.

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