नई दिल्ली:
भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के लिए भारत के प्रयास का समर्थन करना जारी रखेगा, क्योंकि भारत की 'विश्वसनीयता' है.
सिद्धू ने कहा कि उनका देश 48 देशों के इस समूह में भारत के आवेदन का समर्थन करने में आगे रहा है. 'हम दोनों ही एक परमाणु अप्रसार विश्व के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऑस्ट्रेलिया, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह तथा अन्य गैर प्रसार व्यवस्थाओं में इसलिए भी देखना चाहता है क्योंकि इसके पास संभावना है और भारत की विश्वसनीयता पर हमें संदेह नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हम भारत का समर्थन करना जारी रखेंगे.' सिद्धू यहां फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौता कर रखा है. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए ऑस्ट्रेलिया से यूरेनियम का आयात करना चाहता है.
उन्होंने कहा, 'हमने हाल ही में अपने असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को पूरा किया है और हमें उम्मीद है कि गतिविधि उस मोर्चे पर भी होगी.' दक्षिण चीन सागर पर एक अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले पर सिद्धू ने कहा, 'इस विवाद में दूरी बनाए रखना वास्तव में मायने रखता है.'
दक्षिण चीन सागर में ऑस्ट्रेलिया के गहरे आर्थिक हित हैं. उन्होंने कहा कि उनके देश का करीब 60 प्रतिशत व्यापार इस क्षेत्र से होता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिद्धू ने कहा कि उनका देश 48 देशों के इस समूह में भारत के आवेदन का समर्थन करने में आगे रहा है. 'हम दोनों ही एक परमाणु अप्रसार विश्व के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऑस्ट्रेलिया, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह तथा अन्य गैर प्रसार व्यवस्थाओं में इसलिए भी देखना चाहता है क्योंकि इसके पास संभावना है और भारत की विश्वसनीयता पर हमें संदेह नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हम भारत का समर्थन करना जारी रखेंगे.' सिद्धू यहां फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौता कर रखा है. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए ऑस्ट्रेलिया से यूरेनियम का आयात करना चाहता है.
उन्होंने कहा, 'हमने हाल ही में अपने असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को पूरा किया है और हमें उम्मीद है कि गतिविधि उस मोर्चे पर भी होगी.' दक्षिण चीन सागर पर एक अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले पर सिद्धू ने कहा, 'इस विवाद में दूरी बनाए रखना वास्तव में मायने रखता है.'
दक्षिण चीन सागर में ऑस्ट्रेलिया के गहरे आर्थिक हित हैं. उन्होंने कहा कि उनके देश का करीब 60 प्रतिशत व्यापार इस क्षेत्र से होता है.
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