कोरोनाकाल में गणेश चतुर्थी को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई दबाव में आ गए हैं. उनके ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बसवन गौड़ पाटील यत्नाल ने धमकी दी है की सरकार ने अगर इजाजत नहीं दी तो भी गणेश चतुर्थी मनाया जाएगा, भले ही इसके लिए उन्हें गोली क्यों ना खानी पड़े. उन्होंने कहा कि वो ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करेंगे, जो हिंदू धर्म की मान्यता के खिलाफ हो. कर्नाटक के सीएम बोम्मई से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने विशेषज्ञों से राय मांगी है, 5 सिंतबर को बैठक बुलाई है तभी फैसला होगा.
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बता दें कि कर्नाटक में गणेश उत्सव के लिए मूर्तियां तैयार हैं लेकिन खरीदारों की कमी है क्योंकि कोरोना की वजह से सरकार पहले की तरह जुलूस और भीड़-भाड़ की इजाजत नहीं देना चाहती. वहीं, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अब दुविधा की स्थिति में हैं. उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ लिंगायत विधायक बसवन गौड़ पाटिल यत्नाल ने खुली चुनौती दे है कि उन्हें गणेश उत्सव मनाने से कोई नहीं रोक सकता.
विधायक बसवन गौड़ पाटिल ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से भी कह दिया है, ऐसी उल्टी-सीधी पाबंदियां लगाओगे तो कोई उसे मानने वाला नहीं है. यहां पर आपके एसपी और डीसी हैं, किसी भी हिंदू कार्यक्रम या हिंदू मंदिरों पर कानून बनाया, वह कानून आप अपने पास रखिए.. हम इसको नहीं मानेंगे, चाहे इसके लिए हमें गोली भी खानी पड़े.
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विधायक के इस बयान के बाद कुछ संगठन भी अब किसी भी सूरत में गणेश उत्सव मनाने पर अड़ गए हैं. बैंगलोर महानगर गणेश उत्सव समिति के उपाध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद ने कहा कि एक तरफा फैसला नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें पता है की महामारी के दौर में हम रह रहे हैं. हम इसके नियमों का पालन करेंगे लेकिन हम गणेश उत्सव मनाएंगे.
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