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This Article is From Aug 09, 2023

राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्‍ताव पर लोकसभा में बहस की शुरुआत क्यों नहीं की...?

Parliament Monsoon Session: अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर बहस के पहले दिन राहुल गांधी को मैदान में नहीं उतारने का एक कारण सदन में प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति थी. राहुल गांधी का आज राजस्‍थान में एक सभा को संबोधित करेंगे. इसलिए भी आज वह सदन में नहीं बोल पाएंगे.

राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्‍ताव पर लोकसभा में बहस की शुरुआत क्यों नहीं की...?
राहुल गांधी कब बोलेंगे, इस पर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है
नई दिल्‍ली:

लोकसभा सदस्य नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दूसरे दिन के लिए तैयार हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज लोकसभा में नहीं बोलेंगे. राहुल गांधी का आज राजस्‍थान में एक सभा को संबोधित करेंगे. हालांकि, राजस्‍थान जाने से पहले राहुल गांधी लोकसभा पहुंचेंगे. ऐसे में राहुल गांधी कब बोलेंगे, इस पर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है. 

इससे पहले, रिपोर्टों में दावा किया गया था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता विपक्षी गुट इंडिया द्वारा समर्थित अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू करेंगे. यह प्रस्ताव कालियाबोर सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पेश किया था, लेकिन रिपोर्टों में कहा गया कि वह राहुल गांधी को चर्चा शुरू करने देने के लिए अलग हट जाएंगे. लेकिन, जब कल सदन की बैठक शुरू हुई, तो गोगोई ने ही बहस शुरू की. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "हम उन्हें (राहुल गांधी) को सुनने आए हैं."

गौरव गोगोई ने जवाब दिया कि अध्यक्ष के कक्ष में जो भी चर्चा होती है, वह वहीं रहती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा चाहेगी, अगर वह सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों का हवाला दें. इस पर गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने उन्हें बोलने की चुनौती दी. अंततः गौरव गोगोई द्वारा बहस शुरू करने से पहले भी अराजकता जारी रही.

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने मुख्य रूप से दो कारणों से गौरव गोगोई को बहस शुरू करने देने का फैसला किया. पहला कारण, गौरव गोगोई पूर्वोत्तर क्षेत्र से सांसद हैं और मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव पर उनकी बहस की शुरुआत एक प्रतीकात्मक महत्व रखती है. इसके अलावा, राहुल गांधी की संसद सदस्‍यता बहाल होते ही उनकी जगह लेने से पार्टी को केवल भाजपा के हमलों का सामना करना पड़ेगा, जो वंशवाद कार्ड खेलने का मौका कभी नहीं खोती है.

बहस के पहले दिन राहुल गांधी को मैदान में नहीं उतारने का दूसरा कारण सदन में प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति थी. प्रधानमंत्री के कल लोकसभा में बोलने की संभावना है. 

कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां अच्छी तरह से जानती हैं कि जहां तक ​​संख्या का सवाल है, इस अविश्वास प्रस्ताव में उनके पास कोई मौका नहीं है. यह कदम मुख्य रूप से प्रधानमंत्री को मणिपुर पर सदन को संबोधित करने और पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर भाजपा पर निशाना साधने के लिए मजबूर करना है. इसलिए, पार्टी भाजपा को स्थिति को अपने पक्ष में करने का कोई मौका नहीं देना चाहती.

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