बिहार में जातिगत गणना कराने के लिए राज्य कैबिनेट ने 500 करोड़ रुपये जारी किए हैं. लेकिन इस मुद्दे पर सर्वसम्मति के बाद भी बीजेपी असहज दिख रही है. भले अभी गणना के स्वरूप पर अंतिम फ़ैसला नहीं हुआ है. लेकिन आज बिहार बीजेपी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को छांटने के अलावा ये भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई अगड़ी जाति का मुसलमान पिछड़ी जाति में शामिल ना हो. सर्वदलीय बैठक में बीजेपी ने भी जातिगत जनगणना का समर्थन किया था लेकिन अब बीजेपी की तरफ से नई मांग रखी गयी है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि इस गणना से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को कोई आवरण न मिल जाए, छद्म नागरिकता सीमांचल में एक बहुत बड़ी समस्या है.इसका ध्यान बिहार सरकार को रखना चाहिए.हालांकि जायसवाल ने खुद माना है कि फ़िलहाल गणना में क्या क्या सवाल होंगे और उसके अंतिम स्वरूप पर निर्णय होना बाक़ी है.
जातिगत जनगणना पर @BJP4Bihar एक ऐसे मुद्दे से सामना कर रहा हैं जहां समर्थन करना उसकी राजनीतिक मजबूरी हैं और @sanjayjaiswalMP के ऐसे बिंदुओं पर आशंकाव्यक्त करना उसके मूल राजनीतिक अजेंडा के अनुरूप @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/hAdsyJ6j6w
— manish (@manishndtv) June 4, 2022
लेकिन पार्टी के सांसद राकेश सिन्हा ने तो यहां तक कह दिया हैं कि इससे समाज में संघर्ष बढ़ेगा.हालांकि मुख्य मंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि असल में इसके बहाने सब लोगों की आर्थिक स्थिति का भी पता चल जायेगा.नीतीश कुमार ने कहा है कि जातिगत जनगणना का बहुत अच्छा नतीजा आयेगा. ये सबके पक्ष में हैं किसी के ख़िलाफ़ नहीं हैं. यह विकास के लिए किया जा रहा है. फ़िलहाल नीतीश इस मुद्दे पर कम से कम अन्य दलों ख़ासकर तेजस्वी यादव के समर्थन से भाजपा को झुकाने में कामयाब रहे हैं हालांकि इस मुद्दे पर जब मुख्य मंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया तो उनका कहना था कि हर कुछ सर्वसम्मति से हो रहा हैं और भविष्य मान भी इस विषय पर सबसे रायशुमारी का काम जारी रहेगा.
जातिगत जनगणना पर भाजपा के मंत्री और सांसद अपने अपने तरीक़े से विरोध कर रहे हैं और @NitishKumar का कहना हैं कि चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/tBXEFEH5lZ
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इधर बीजेपी की तरफ से आ रहे बयानों के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट कर हमला बोला है. राजद की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि आख़िर पार्टी के नेताओं को इतनी मिर्ची क्यों लग रही है.
20,000 करोड़ क सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, 9000 करोड़ के PM के जहाज, 5000 करोड़ के सरकार के विज्ञापन, 3000 करोड़ की मूर्ति, 1100 करोड़ के भाजपा के कार्यालय आदि का समर्थन करने वाले लोगों को बिहार में 500 करोड़ की जातीय जनगणना से मिर्ची लग रही है। आखिर क्यों????
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) June 4, 2022
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