क्‍या गाज़ा पर जमीनी हमले से बढ़ सकती हैं इज़रायल की भी मुश्किलें...?

ज़मीनी आक्रमण हिजबुल्लाह को इज़राइल-हमास युद्ध में अपनी भागीदारी और बढ़ाने के लिए भी उकसा सकता है. बता दें कि इज़रायल और हिजबुल्लाह के बीच लेबनान सीमा पर गोलीबारी हो रही है, लेकिन अभी तक पूरी तरह से टकराव नहीं हुआ है.

क्‍या गाज़ा पर जमीनी हमले से बढ़ सकती हैं इज़रायल की भी मुश्किलें...?

हमास ने पिछले 17 वर्षों से गाजा पर नियंत्रण कर रहा है...

इज़रायल और हमास के बीच जंग का आज सातवां दिन है. इज़रायली सेना ने अब गाज़ा पट्टी पर हमास आतंकियों के खिलाफ जमीनी ऑपरेशन की तैयारी कर ली है. गाज़ा की उत्‍तरी सीमा पर इज़रायल ने दर्जनों टैंक उतार दिये हैं. इज़रायली सेना ने गाज़ा पट्टी पर रह रहे आम नागरिकों को 24 घंटों के भीतर दक्षिणी क्षेत्र में जाने की चेतावनी दी है. हमास के बाद इज़रायल के हवाई हमलों में अभी तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यदि इज़रायल जमीनी हमला करता है, तो हमास के साथ-साथ इज़रायली सेना को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है.     

इज़रायल के जमीनी हमले के ये हो सकते हैं प्रभाव

युद्ध क्षेत्र में दस लाख से अधिक लोगों की सामूहिक आवाजाही होनी है. इनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, इसके कारण बहुत अधिक लोगों के हताहत होने का डर है. इससे भोजन और दवाओं की पहले से ही बाधित आपूर्ति पर भी असर पड़ना लाजिमी है. ज़मीनी आक्रमण हिजबुल्लाह को इज़राइल-हमास युद्ध में अपनी भागीदारी और बढ़ाने के लिए भी उकसा सकता है. बता दें कि इज़रायल और हिजबुल्लाह के बीच लेबनान सीमा पर गोलीबारी हो रही है, लेकिन अभी तक पूरी तरह से टकराव नहीं हुआ है.

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...तो हिजबुल्लाह भी युद्ध में

हिजबुल्लाह के करीबी एक सूत्र ने एएफपी को बताया कि हिजबुल्लाह और हमास लंबे समय से एक "ज्‍वॉइंट ऑपरेशन रूम" का हिस्सा रहे हैं, जिसमें कुद्स फोर्स (ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की विदेशी ऑपरेशन शाखा) शामिल है. ये समूह तथाकथित "प्रतिरोध की धुरी" का हिस्सा हैं. लेबनानी, फ़िलिस्तीनी, सीरियाई और अन्य ईरान समर्थित, इज़रायल के सशस्त्र विरोधी हैं. कार्नेगी मध्य पूर्व केंद्र के मोहनाद हेज अली ने कहा, "इस गठबंधन के किसी देश पर हमला, अन्य देशों के हस्तक्षेप को उकसाएगा. विश्लेषक ने एएफपी को बताया, "अगर जमीनी हमला शुरू होता है, तो हिजबुल्लाह खुद को युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर कर सकता है."

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इज़रायल को भुगतना पड़ सकता है...

इज़रायल के लिए गाजा में ज़मीनी आक्रमण करना और हमास का सफाया करना, कहने में आसान काम लग रहा होगा, लेकिन ऐसा है नहीं. इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व प्रमुख जियोरा एइलैंड ने इस सप्ताह की शुरुआत में रॉयटर्स को बताया कि गाजा पर हवाई हमले "पिछले इज़रायली ऑपरेशनों के समान ही लगते हैं" लेकिन इन रणनीतियों ने हमास को खत्‍म नहीं किया जा सकता. उन्होंने तब कहा था कि इज़रायल सरकार ज़मीनी हमले शुरू करने की अनिच्छुक थी, क्‍योंकि इसमें "बहुत से इज़राइली हताहत हो सकते थे."

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ज़मीनी हमले इज़रायल की सेना के लिए आसान नहीं होंगे, क्योंकि वो गाजा पट्टी से अच्छी तरह से परिचित एक समूह से मुकाबला करेगा. हमास ने पिछले 17 वर्षों से गाजा पर नियंत्रण कर रहा है और इस दौरान उसने सुरंगों का एक नेटवर्क बनाया है. इन सुरंगों से हमास के आतंकी हमला कर पलक झपकते ही गायब हो सकते हैं. गाजा के एक विश्लेषक तलाल ओकल ने रॉयटर्स को बताया, "इज़रायल, गाजा में हमास को भारी नुकसान पहुंचाना चाहता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा. अगर वह गाजा में प्रवेश करता है, तो उसे भारी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए."

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