कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भी शहरों और जिलों का नाम बदलने की राजनीति में उतर आई है.राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को रामनगर जिले का नाम बदलने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है.उन्होंने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने की मांग की है.उनका का कहना है कि नाम बदलने से इलाके को बेंगलुरु की प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा.शिवकुमार के इस ज्ञापन ने कर्नाटक की राजनीति में गर्मी ला दी है.राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस भगवान राम का अपमान बताया है.
डीके शिवकुमार की मांग क्या है
डीके शिवकुमार ने दूसरी बार रामनगर का नाम बदलने की मांग मुख्यमंत्री से की है.उनकी दलील है कि नाम बदलने से बेंगलुरु की जो प्रतिष्ठा है, उसका फायदा रामनगर को मिलेगा. शिवकुमार ने जो ज्ञापन सीएम को सौंपा है,उसमें कहा गया है कि लोग चाहते हैं कि बेंगलुरु की प्रतिष्ठा का लाभ रामनगर, मगदी, हरोहल्ली, कनकपुरा और चन्नपटना ताहसील को मिले.उनका कहना है कि देवनहल्ली, डोड्डाबल्लापुरा,होसकोटे, रामनगर, कनकपुरा, चन्नपटना और मगदी के लोग मूल रूप से बेंगलुरु के ही हैं.शिवकुमार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने और रामनगर को उसका जिला मुख्यालय बनाने की मांग की.
ರಾಮನಗರ ಜಿಲ್ಲೆಯ ಉಸ್ತುವಾರಿ ಸಚಿವರು, ಶಾಸಕರು ಹಾಗೂ ಮುಖಂಡರು ನನ್ನ ನೇತೃತ್ವದಲ್ಲಿ ಮಾನ್ಯ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳನ್ನು ವಿಧಾನಸೌಧದಲ್ಲಿ ಭೇಟಿಯಾಗಿ ಚನ್ನಪಟ್ಟಣ, ರಾಮನಗರ, ಮಾಗಡಿ, ಕನಕಪುರ ಮತ್ತು ಹಾರೋಹಳ್ಳಿ ಸೇರಿಸಿ ಬೆಂಗಳೂರು ದಕ್ಷಿಣ ಜಿಲ್ಲೆ ಮಾಡಬೇಕೆಂಬ ಮನವಿಯನ್ನು ಸಲ್ಲಿಸಿದ್ದು, ಅದರ ಒಂದು ನೋಟ ಇಲ್ಲಿದೆ. pic.twitter.com/nZ5WWRmCQ1
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) July 10, 2024
मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन पर डीके शिवकुमार के अलावा राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी, बेंगलुरु ग्रामीण के पूर्व सांसद डीके सुरेश समेत 13 लोगों के दस्तखत हैं.डीके सुरेश शिवकुमार के भाई हैं.वो तीन बार बेंगलुरु ग्रामीण सीट से सांसद रह चुके हैं.इस चुनाव में वो बीजेपी के डाक्टर सीएन मंजूनाथ से हार गए थे.
क्या कहा है सीएम सिद्धारमैया ने
डीके शिवकुमार का ज्ञापन मिलने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा,''मैंने सभी प्रभारी मंत्रियों से जिला स्तरीय बैठकें, जनस्पंदन बैठकें आयोजित करने को कहा है. हमने डीसीएस, सीआरओ और सचिवों के साथ दो दिन की बैठक की. रामनगर नाम परिवर्तन मुद्दे पर डीके शिवकुमार के नेतृत्व में रामनगर जिले के नेता मुझसे मिलने आए थे. उन्होंने इसका नाम बेंगलुरु दक्षिण करने को कहा है. मैंने उनसे कहा कि इस पर कैबिनेट को फैसला करना है और मैं कैबिनेट में प्रस्ताव रखूंगा.''
रामनगर का नाम बदलने की मांग नई नहीं है.यह मांग काफी समय से की जा रही है. पिछले साल जब डीके शिवकुमार ने यह प्रस्ताव पहली बार रखा था तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आमरण अनशन पर बैठन की चेतावनी दे दी थी.दरअसल कुमारस्वामी की विधानसभा चन्नपटना भी रामनगर जिले का ही हिस्सा है.मांड्या से सांसद चुने जाने के बाद कुमारस्वामी ने चन्नपटना के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है.इस सीट पर उपचुनाव होना है.ऐसे में शिवकुमार की पहल को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.कांग्रेस की नजर चन्नपटना सीट पर है.कांग्रेस इस सीट पर वापसी चाहती है.
शिवकुमार बनाम कुमारस्वामी
शिवकुमार की इस मांग को कुमारस्वामी के प्रभाव को कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.शिवकुमार भी रामनगर जिले के ही रहने वाले हैं.उनकी विधानसभा कनकपुरा भी रामनगर जिले का ही हिस्सा है.पिछले साल अक्तूबर में शिवकुमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों से कहा था कि वो अपनी जमीनें न बेचें, क्योंकि एक दिन वह बेंगलुरु में मिल जाएगा, इससे जमीन की कीमत बढ़ जाएगी.
रामनगर जिले का निर्माण 2007 एचडी कुमारस्वामी की सरकार ने किया था.रामनगर को जिला मुख्यालय बनाया गया था. इससे पहले वह बेंगलुरु ग्रामीण जिले का हिस्सा था. रामनगर जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव पर कुमारस्वामी ने कहा है कि जब वो मुख्यमंत्री के रूप में वापस आएंगे तो वे इस फैसले को पलट देंगे. यह राम भगवान का अपमान है. उनका कहना था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जेडी(एस) सत्ता में वापस लौटेगी और वे फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. उनका कहना था कि सरकार को नाम बदलने की जगह जिले के विकास पर ध्यान देना चाहिए.
बेंगलुरु में कब कब आए बदवाल
पहले डोड्डाबल्लापुरा, एंकले नीलमांगला, येलाहंका, बेंगलुरु दक्षिण और पूर्व, होसकोटे, मगदी, रामनगर, देवनहल्ली, कनकपुरा और चन्नपटना तहसीलें बेंगलुरु जिले का हिस्सा थीं. साल 1986 में बेंगलुरु ग्रामीण के नाम से एक जिला बनाया गया था. इसमें डोड्डाबल्लापुरा, होसकोटे,नीलमांगला, मगदी,देवनहल्ली, कनकपुरा, चन्नपटना और रामनगर को शामिल किया गया. साल 2007 में बेंगलुरु ग्रामीण जिले का पु्नर्गठन किया गया. डोड्डाबल्लापुरा को इसका मुख्यालय बनाया गया था. इसमें होसकोटे,नीलमांगला और देवनहल्ली को रखा गया. उसी साल रामनगर भी जिला बना. इसमें कनकपुरा, चन्नपटना, रामनगर को शामिल किया गया. इस नए जिले का मुख्यालय रामनगर को बनाया गया था.
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