नवांकुर नके यूट्यूब चैनल पर 1.74 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं
'यात्री डॉक्टर' के नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले नवांकुर चौधरी को लेकर सोशल मीडिया पर एक अलग ही बहस शुरू हो गई है. दरअसल, उनकी एक तस्वीर हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के साथ वायरल हो रही है और जैसा कि आप जानते हैं, ज्योति पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हो चुकी है. ऐसे में यात्री डॉक्टर यानी नवांकुर चौधरी को भी ट्रोल किया जा रहा है. उनपर पाकिस्तान से जुड़ाव और ISI के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये ‘यात्री डॉक्टर'? और क्या वाकई ISI से उनका कोई संबंध है?
यात्री डॉक्टर के नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले नवांकुर चौधरी असल में भी एक डॉक्टर ही हैं.
'यात्री डॉक्टर' की कहानी
- नवांकुर चौधरी का जन्म 2 मार्च 1996 को हरियाणा के रोहतक में हुआ.
- नवांकुर ने अपनी स्कूली शिक्षा रोहतक में पूरी की.
- मद्रास मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री हासिल की.
- लेकिन डॉक्टरी की बजाय उन्होंने चुनी ट्रैवलिंग की राह.
- साल 2017 में उन्होंने यूट्यूब चैनल शुरू किया– 'यात्री डॉक्टर'
- अब तक वो 144 देशों की यात्रा कर चुके हैं. पाकिस्तान, रूस, दुबई, श्रीलंका, जापान और मालदीव
- नवांकुर का सपना है कि दुनिया के सभी 197 देशों में घूमें.
- आज उनके यूट्यूब चैनल पर 1.74 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं
- इंस्टाग्राम पर 6.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स.
लेकिन अब उनका नाम भी एक बड़े विवाद में आ चुका है. सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में वो ज्योति मल्होत्रा के साथ पाकिस्तान हाई कमीशन की पार्टी में नजर आते हैं. बस फिर क्या था- उन पर भी पाकिस्तान और ISI से जुड़े होने के आरोप लगने लगे. इन सब आरोपों पर नवांकुर ने सोशल मीडिया के ज़रिए सफाई दी है. उनका कहना है– 'किसी भी जांच एजेंसी ने मुझसे या मेरे परिवार से कोई संपर्क नहीं किया है. इसका मतलब ये है कि मेरा इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है.' इसके अलावा नवांकुर ने ज्योति मल्होत्रा से हुई मुलाकात पर भी सफाई दी. उन्होंने बताया कि ज्योति उनसे एक फैन की तरह मिली थीं.
आपको क्लियर कर दें कि फिलहाल किसी भी सरकारी एजेंसी ने नवांकुर के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर उठते सवालों ने उनकी छवि को ज़रूर प्रभावित किया है. सच्चाई क्या है, ये तो जांच के बाद ही सामने आएगा. तो दोस्तों, क्या आप मानते हैं कि सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के किसी को दोषी ठहराना सही है?
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