गोवा की एक अदालत ने वरिष्ठ पत्रकार और तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) को अपने सहकर्मी से बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया है. तेजपाल पर 2013 में गोवा के पणजी में एक फाइव स्टार रिजॉर्ट में एक कॉन्क्लेब से इतर उनकी ही एक जूनियर सहयोगी ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. सहयोगी तेजपाल के दोस्त की बेटी थी. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि लिफ्ट में तेजपाल ने उसके साथ दो बार यौन उत्पीड़न किया था.
कौन हैं तरुण तेजपाल?
तरुण तेजपाल 1980 के दौर से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े रहे हैं. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे, फाइनेंशियल एक्सप्रेस, आउटलुक जैसे मशहूर अखबारों और पत्रिकाओं में काम किया है. साल 2000 में उन्होंने तहलका वेबसाइट शुरू की थी. पंजाब यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स में स्नातक करने वाले तेजपाल मूलत: पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं.
तीन दशक से भी लंबा पत्रकारिता का लंबा अनुभव रखने वाले तेजपाल ने साल 2000 में नौकरी छोड़कर दूसरे वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध बहल के साथ मिलकर तहलका डॉट कॉम शुरू किया था. 2004 में तहलका टैब्लायड न्यूज पेपर और फिर 2007 में उसे एक मैग्जीन का रूप दे दिया गया.
तहलका ने शुरुआत में ही क्रिकेट में होने वाली मैच फिक्सिंग पर स्टिंग ऑपरेशन कर तहलका मचा दिया था. दूसरे स्टिंग ऑपरेशन में रक्षा सौदों में दलाली को उजागर किया था.
तहलका मैगजीन के संस्थापक तरुण तेजपाल को रेप के मामले में गोवा की कोर्ट ने किया बरी
क्या है यौन उत्पीड़न कांड?
नवंबर 2013 में तहलका मैग्जीन का एक इवेंट 'थिंक फेस्ट' पणजी के एक फाइव स्टार होटल में चल रहा था. आरोप थे कि इसी इवेंट से इतर तरुण तेजपाल ने लिफ्ट में अपने जूनियर सहकर्मी युवती का दो बार यौन उत्पीड़न किया था. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 30 नवंबर को तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, जून 2014 में तेजपाल को जमानत मिल गई और तब से तेजपाल बाहर हैं.
पीड़ित युवती ने पत्रिका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को मेल लिखकर आरोप लगाया था कि पणजी के इवेंट में तरुण तेजपाल ने 7 और 8 नवंबर 2013 को लिफ्ट में दो बार यौन उत्पीड़न किया था. आरोप ये भी लगाया था कि इस बारे में किसी को बताने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी गई थी. इसके बाद मैनेजमेंट ने तरुण तेजपाल की तरफ से 20 नवंबर, 2013 को कर्मचारियों को एक ईमेल जारी कर माफी मांगी और तेजपाल ने प्रायश्चित के तौर पर खुद को संस्थान से छह महीने के लिए अलग कर लिया.
बाद में ये मेल मीडिया में लीक हो गया. मीडिया में मामला आने के बाद गोवा पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 21 नवंबर, 2013 को तेजपाल के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया. गोवा पुलिस ने तहलका के दफ्तर पहुंचकर शोमा चौधरी से पूछताछ की. 30 नवंबर को पणजी अदालत ने तेजपाल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2021 तक का समय दिया था, हालांकि मामला मई तक खिंच गया.
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