केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने व्हाट्सऐप (WhatsApp) जासूसी मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'भारत के नागरिकों की व्हाट्सऐप पर निजता का उल्लंघन होने को लेकर सरकार चिंतित है. हमने व्हाट्सऐप से इस बारे में बात की है और उनसे पूछा है कि वह लाखों भारतीयों की निजता की सुरक्षा को लेकर क्या कर रहे हैं.' रविशंकर ने कहा, 'सरकार सभी भारतीय नागरिकों की निजता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकारी एजेंसियों के पास देश हित में रोक लगाने के लिए स्थापित प्रोटोकॉल है. इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सीनियर अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध और सुपरविजन शामिल है.'
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जो लोग इसका सियासी फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें याद दिलाने की जरूरत है कि यूपीए के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के दफ्तर में और सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह के यहां जासूसी की गई थी. ये ऊंचे ओहदों पर तैनात लोगों की जासूसी एक परिवार के लिए थी. बता दें कि आजकल लगभग हर कोई मोबाइल में व्हाट्सऐप (WhatsApp) का इस्तेमाल कर रहा है. लेकिन इसको लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है.
Govt is committed to protecting privacy of all Indian citizens.Govt agencies have a well established protocol for interception, which includes sanction and supervision from highly ranked officials in central & state governments, for clear stated reasons in national interest. 2/4 pic.twitter.com/atiSqXl9Wf
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 31, 2019
दरअसल व्हाट्सऐप के अधिकारियों ने NDTV को बताया है कि इस हफ्ते उनकी ओर से कई भारतीयों को कहा गया है कि एक इजरायली 'स्पाइवेयर' ने व्हाट्सऐप के जरिए उनकी जासूसी की है. इनमें भारतीय पत्रकार, एक्टिविस्ट शामिल हैं. इनकी जासूसी मई के महीने में की गई है. मंगलवार को ही व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी फेसबुक की ओर से इजरायल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी एनएसओ पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है कि उसने व्हाट्सऐप के सर्वर का इस्तेमाल कर 1400 व्हाट्सऐप यूजरों को यह मॉलवेयर फैलाया है जिसके जरिए उसने जासूसी की है.
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इनमें 20 देशों के पत्रकार, सरकार के उच्चाधिकारी, मानवाधिकार एक्टिविस्ट शामिल हैं. भारत में WION टीवी के पत्रकार सिद्धांत सिब्बल ने ट्वीट कर बताया है कि उनसे भी व्हाट्सऐप की ओर से संपर्क किया गया है. उन्होंने कहा है कि तकनीकी और कानूनी कदम उठाए गए हैं.
इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर यह भी आई थी कि व्हाट्सऐप (WhatsApp) जासूसी मामले में सरकार नागरिकों की निजता के उल्लंघन को लेकर चिंतित है. साथ ही यह भी कहा गया है कि सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. सरकार की तरफ से इन आरोपों का खारिज किया गया है. व्हाट्सऐप का सर्वर पूरी दुनिया में है. ये व्हाट्सऐप और इज़रायली कंपनी के बीच का मामला है. सूत्रों ने बताया कि व्हाट्सऐप का सर्वर भारत में नहीं है.
इससे पहले व्हाट्सऐप ने इजराइयल की प्रोद्यौगिकी कंपनी एनएसओ समूह पर आरोप लगाया था कि वह फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेजिंग सेवा के जरिए पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य की साइबर जासूसी कर रही है. व्हाट्सऐप ने इसके साथ ही कंपनी पर मुकदमा दायर दिया है. वाद कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि एनएसओ समूह ने मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करने वालों के करीब 1,400 उपकरणों को संक्रमित कर महत्वपूर्ण जानकारी चुराने का प्रयास किया.
व्हाट्सऐप (WhatsApp) के प्रमुख विल कैथकार्ट ने कहा कि साइबर हमले की जांच में इजरायल की कंपनी की भूमिका सामने आने के बाद यह मुकदमा दायर किया गया है. हालांकि कंपनी ने इन आरोपों का खंडन किया है. कैथकार्ट ने ट्विटर पर लिखा, 'एनएसओ समूह का दावा है कि वह सरकारों के लिए पूरी जिम्मेदारी से काम करते हैं, लेकिन हमने पाया कि बीते मई माह में हुए साइबर हमले में 100 से अधिक मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार जासूसी हमले के निशाने पर थे. यह दुरुपयोग बंद होना चाहिए.' वाद में कहा गया कि एनएसओ का पेगासस नाम का सॉफ्टवेयर कुछ इस तरह बनाया गया है जिससे एंड्रॉइड, आईओएस और ब्लैकबेरी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले उपकरणों को हाइजैक किया जा सके.
(इनपुट: भाषा से भी)
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