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This Article is From Apr 11, 2020

जानिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद हवाई यात्रा को लेकर आप क्या उम्मीद कर सकते हैं...

सरकार के सूत्रों ने NDTV को बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग यात्रियों के एयरपोर्ट में प्रवेश करने से पहले ही शुरू हो जाएगी.

जानिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद हवाई यात्रा को लेकर आप क्या उम्मीद कर सकते हैं...
विमानन क्षेत्र के लिए Coronavirus हालिया समय में सबसे बड़ा संकट बनकर उभरा है
नई दिल्ली:

देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले जिस नाटकीय ढंग से बढ़ रहे हैं, जिसमें शुक्रवार को एक दिन की सबसे बड़ी तेजी देखने को मिली, यह स्पष्ट है कि देश में हवाई यात्रा हाल फिलहाल में तो शुरू नहीं होने जा रही. लेकिन ऐसा जब भी होगा, भारत के हवाईअड्डे और देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर उड़ने वाली विमान सेवाएं वैसी नहीं रह जाएंगी जैसा कि अभी हम उन्हें जानते हैं. एयरपोर्ट पर और फ्लाइट में सोशल डिस्टेंसिंग नियम बन जाएगा और हवाई यात्रा कहीं ज्यादा महंगी हो जाएगी.

सरकार के सूत्रों ने NDTV को बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग यात्रियों के एयरपोर्ट में प्रवेश करने से पहले ही शुरू हो जाएगी. एयरपोर्ट पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (CISF) थर्मल टेंपरेचर स्कैनर से लैस होंगे और जो यात्री बुखारग्रस्त पाए जाएंगे, उन्हें एयरपोर्ट में प्रवेश नहीं करने देंगे. यात्रियों की लाइनों में भी सख्ती बरती जाएगी और यह सुनिश्च‍ित किया जाएगा कि यात्री एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें.

इसका पालन यात्रियों के चेक इन और सुरक्षा जांच के समय भी किया जाएगा.

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एक बार जब यात्री विमान में बैठ जाएंगे तो उन्हें बीच वाली सीट खाली मिलेगी ताकि यात्रियों के बीच दूरी का ख्याल रखा जा सके.

विमानों का अपनी आधी क्षमता के साथ उड़ान भरने का मतलब होगा कि उन्हें टिकटों के दामों में अच्छी खासी बढ़ोतरी करनी पड़ेगी. ऐसे में मुंबई और दिल्ली के बीच टिकट की शुरुआत 8000 रुपये से हो सकती है ताकि अपनी आधी क्षमता के साथ उड़ान भर रहे विमान के नुकसान की भरपई हो सके.

सेंटर फॉर एश‍िया पैसिफिक एविएशन के अनुमान के अनुसार ऐसे में मांग में भारी कमी के चलते भारत में 200-250 अतिरिक्त विमान हो जाएंगे जिनमें से ज्यादातर अपनी मूल कंपनी जिसने उन्हें लीज पर दिया है, उसके पास वापस लौट जाएंगे. नागरिक उड्डयन सेक्टर तब शायद वैसा ही होगा जैसा कम से कम 5 साल पहले था जब भारतीय आसमान में कम संख्या में विमान उड़ान भरा करते थे.

कम क्षमता से विमानों के उड़ान भरने का एक मतलब यह भी होगा कि हमारे एयरपोर्ट जो जगह की दिक्कतों का सामना कर रहे थे, विशेष रूप से दिल्ली और मुंबई, उनके कुछ टर्मिनल जैसे दिल्ली के टर्मिनल-2 को बंद करना पड़े.

लेकिन सबसे बड़ा सवाल विमानन कंपनियों की तब की स्थ‍िति का है जब कोरोनावायरस जैसे महामारी खत्म हो जाएगी. सरकार के तगड़े रिकवरी पैकेज के बगैर, यह काफी हद तक संभव है कि कुछ विमानन कंपनियां कोरोनावायरस के प्रभाव को न झेल पाएं.

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