दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में एक अदालत ने सोमवार को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. अदालत में प्रवेश करने से पहले पत्रकारों से अपनी गिरफ्तारी का संदर्भ देते हुए ‘आप' नेता ने कहा, ' प्रधानमंत्री जो कुछ भी कर रहे हैं, वह देश के लिए अच्छा नहीं है.' वहीं ईडी ने अदालत से केजरीवाल को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछताछ के दौरान ‘बिल्कुल सहयोग' नहीं किया.
वहीं कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना ने विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन की एक रैली को संबोधित किया था तथा लोगों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने की अपील की था. सुनीता और कल्पना ने अपने-अपने पति की गिरफ्तारी के बाद, इस रैली के जरिये अपनी बड़ी राजनीतिक भूमिका के संकेत दिए. रामलीला मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ' रैली में, अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन के लिए मंच पर दो कुर्सी खाली रखी गई थीं तथा उनकी पत्नियों ने दोनों नेताओं की गिरफ्तारी के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
बता दें संघीय जांच एजेंसी ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. अगले दिन विशेष न्यायाधीश बवेजा ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. अपने रिमांड आवेदन में जांच एजेंसी ने ‘आप' नेता पर “दिल्ली शराब घोटाले की पूरी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है जिसमें नीति बनाना, लागू करना, फायदा पहुंचाना, रिश्वत लेना और अपराध से अर्जित पैसे का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में करना शामिल है.
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