बिहार विधानसभा में नकल पर रोकथाम का बिल पारित किया गया.
नई दिल्ली:
बिहार में नकल पर रोक लगाने और पेपर लीक जैसे मामलों को नियंत्रित करने के लिए नया कानून अमल में आएगा, विधानसभा में बिल पारित. जानिए - क्या है इस कानून में खास बातें.
- बिहार में परीक्षा में नकल करना कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि संगीन अपराध बन गया है. बिहार विधानसभा में एक विधेयक के पारित होने के साथ, नकल पर नकेल कसने के सख्त कानून के अमल में आने का रास्ता साफ हो गया है. इसमें 3 से 10 साल की सजा और 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
- बिहार विधानसभा ने बुधवार को 'बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक-2024' पारित कर दिया. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह बिल प्रदेश में लागू हो जाएगा. इसके लागू होने के बाद पेपर लीक के मामले बड़े अपराध की श्रेणी में आ जाएंगे.
- इस कानून के तहत यदि परीक्षा में शामिल कोई भी कर्मचारी पेपर लीक के किसी मामले में दोषी पाया जाता है तो उस पर भी एक करोड़ रुपये का जुर्माने लगाने का प्रावधान है. इसके अलावा फिर से परीक्षा कराने में जो भी खर्च आएगा, उसकी वसूली भी दोषी कर्मचारियों से की जाएगी.
- जो भी शिक्षण संस्था, या संबंधित अन्य कोई संस्था पेपर लीक में शामिल होगी, उसे चार साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा.
- विधानसभा में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि, बिहार की जनता भी देख रही है कि क्वेश्चन पेपर लीक मामले को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है. देश के 16 राज्यों में 48 ऐसे मामले आए हैं जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश के स्तर पर कानून लागू किया है और अब बिहार सरकार भी कानून लागू करने जा रही है.
- विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में 1981 में जो कानून थे उसमें सजा के कड़े प्रावधान नहीं थे, केवल 6 महीने की ही सजा थी. इस बार हमने सख्त कानून बनाया है. गड़बड़ी में शामिल लोगों को तीन से पांच साल तक की सजा होगी और 10 लाख तक जुर्माना होगा.
- उन्होंने कहा कि, संगठित रूप से अपराध करने वालों के लिए 5 से 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
- उन्होंने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आम तौर पर ऐसी परीक्षाएं नामांकन और सरकारी सेवाओं के लिए आयोजित होती हैं. ऐसे में गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती थी. हाल के दिनों में आई गड़बड़ी के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार इसे लेकर चिंतित थी.
- उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में भी यह कानून लागू होंगे. केंद्र सरकार पहले ही ऐसा कानून बना चुकी है.
- विधानसभा में इस विधेयक के प्रस्ताव के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया. इस पर विजय चौधरी ने कहा कि अपराध करने वाले का बचाव करने के लिए सदन से विपक्षी दल बाहर चले गए हैं.