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हिमाचल प्रदेश के बजट में क्या-क्या? सीएम सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने क्या कहा 

सीएम सुक्खू ने कहा कि बजट आने वाले समय में प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, जिससे प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा. शिक्षा में गुणवत्ता के लिए बदलाव की ज़रूरत है और प्रदेश इस बदलाव के दौर के गुजरते हुए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है.

हिमाचल प्रदेश के बजट में क्या-क्या? सीएम सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने क्या कहा 

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया. वित्त वर्ष 2025- 26 के लिए सुक्खू सरकार ने 58 हजार 514 करोड़ का बजट रखा है, जिसमें हर वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है. सरकार का स्वास्थ्य, शिक्षा, प्राकृतिक खेती, पर्यटन ,रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पर फोकस है, जिसके लिए कई घोषणाएं मुख्यमंत्री ने बजट में की हैं. हालांकि, बजट को विपक्ष ने निराशाजनक करार दिया है और हिमाचल के इतिहास में पहली बार सबसे कम ग्रोथ और विकास पर कम पैसा खर्चने करने वाला बजट बताया है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्या कहा

बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. आम आदमी के जीवन में बदलाव लाने और आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए सरकार काम कर रही है. पहले भाग में पशुपालकों का ध्यान रखा गया है और दूसरे भाग में खेती को ध्यान में रखा गया है. किसानों की आर्थिक स्थिति मज़बूत करने के लिए हल्दी का एमएसपी 90 रुपये प्रति किलो किया गया है. बागवानों के लिए भी सरकार ध्यान दे रही है. प्रदेश की 67 % भूमि वन भूमि है. इसे संरक्षित करने के लिए प्रावधान किया गया है. बजट में डेयरी उद्योग और पर्यटन को ध्यान में रखा गया है. ग्रीन हिमाचल बनाने के लिए सरकार पहले दिन से प्रयास कर रही है. बजट आने वाले समय में प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, जिससे प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा. शिक्षा में गुणवत्ता के लिए बदलाव की ज़रूरत है और प्रदेश इस बदलाव के दौर के गुजरते हुए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने क्या कहा

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में केवल भाषण लंबा किया गया, जबकि बजट में 71 करोड़ की मामूली ग्रोथ है तो इस बजट से क्या उम्मीद की सकती है. बजट में विकास कार्यों पर 1 रुपये में से 24 पैसे खर्च होंगे, जो अब तक के हिमाचल के इतिहास में सबसे न्यूनतम खर्च होंगे. ग्रीन हिमाचल वाली बात पर ग्राउंड पर प्रोग्रेस अभी तक शून्य है. केंद्र के पैसे से हिमाचल में विकास हो रहा है और केंद्र की योजनाओं का नाम बदल कर सीएम सुक्खू योजनाएं लागू कर रहे हैं, लेकिन बजट में इसका जिक्र नहीं है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में तीन बजट बीत जाने के बाद भी अभी तक रोबोटिक सर्जरी शुरू नहीं की गई है. बजट के दिन तो सीएम ऑल्टो में आते हैं, लेकिन बाकी दिन विधायकों, निगम बोर्ड के अध्यक्षों को भी उनके जिला में पायलट तक दी जा रही है. इस बजट में बंडल ऑफ़ कन्फ्यूजन है. बजट सारे वर्गों को निराश करने वाला बजट है. कुल मिलाकर दिशाहीन सरकार व नेतृत्व का दिशाहीन बजट है.

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