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पीएम मोदी ने ऐसा क्या हासिल किया कि हो रही रूजवेल्ट और मर्केल से तुलना?

पीएम मोदी की निरंतर सियासी सफलता की तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट और जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल से की भी जा रही है.

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पीएम मोदी ने ऐसा क्या हासिल किया कि हो रही रूजवेल्ट और मर्केल से तुलना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जिन्हें जनता ने बार-बार चुना है.
नई दिल्ली:

नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कीर्तिमान की बराबरी कर ली है. इसके साथ-साथ उनकी इस निरंतर सियासी सफलता की तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट (Franklin Roosevelt) और जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) से की भी जा रही है.

प्रधानमंत्री मोदी से पहले भारत में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू लगातार तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे. हालांकि लगातार राज्य और फिर केंद्र की सत्ता संभालने के मामले में वे पंडित नेहरू से भी आगे निकल गए हैं. नेहरू कभी मुख्यमंत्री नहीं रहे, लेकिन पीएम मोदी पहले गुजरात में सन 2001 से 2014 तक मुख्यमंत्री रहे थे. मोदी भारत के मात्र एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने दुनिया के उन चुनिंदा नेताओं के रिकार्ड की बराबरी की है जो बार-बार चुने जाते रहे. 

लगातार चार चुनाव जीते थे रूजवेल्ट और मर्केल 
कहा जा रहा है कि एक जननेता के रूप में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अमेरिका के पूर्व  राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के बराबर है. रुजवेल्ट ने सन 1932 से 1944 तक चार बार राष्ट्रपति का चुनाव जीता था. रूजवेल्ट को पहले चुनाव में 57.4 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि अंतिम चुनाव में 53.4 फीसदी वोट मिले थे. यानी कि लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता में गिरावट बहुत कम आई थी. अमेरिका में रूजवेल्ट के बाद कोई भी नेता दो से अधिक बार राष्ट्रपति नहीं चुना गया.   

रुजवेल्ट की तरह ही जर्मनी में एंजेला मर्केल ने 2005 से 2017 तक लगातार चार चुनाव जीते थे और इस तरह वे निरंतर चार बार जर्मनी की चांसलर रही थीं. हालांकि मर्केल के दूसरे और चौथे चुनाव में उनका वोट शेयर घट गया था.  

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पंडित जवाहरलाल नेहरू की पार्टी कांग्रेस को 1952 के चुनाव में 45 प्रतिशत वोट मिले थे. सन 1957 में उनको मिले मतों की तादाद बढ़कर 47.8 प्रतिशत हो गई थी. लेकिन 1963 के लोकसभा चुनाव में उनका वोट शेयर घटकर 44.7 फीसदी हो गया था. 

पीएम मोदी की लोकप्रियता बरकरार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी पहले चुनाव के मुकाबले दूसरे चुनाव में ज्यादा वोट शेयर था और तीसरे चुनाव में वोट शेयर में मामूली गिरावट आई. सन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वेट शेयर 31.3 प्रतिशत था. सन 2019 में यह 37.7 प्रतिशत हो गया. इसके बाद  2024 के चुनाव में यह मामूली गिरकर 36.6 प्रतिशत पर आया. 

बीजेपी भले ही 2014 और 2019 के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा रहते हुए चुनाव लड़ी, लेकिन उसने दोनों बार पूर्ण बहुमत हासिल किया. यानी कि वह दोनों बार अपने बलबूते सरकार बनाने में सक्षम थी. 2044 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हो सका, लेकिन एनडीए ने बहुमत पाया और सरकार बनाई. 

बीजेपी और एनडीए ने पिछले तीनों चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर लड़े और सफलता पाई. इससे नरेंद्र  मोदी की लोकप्रियता साबित होती रही. 

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