"बच्चों के शव के साथ राजनीति": पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग का केंद्र के पैनल पर निशाना

पश्चिम बंगाल में उत्तर दिनाजपुर जिले के कुछ हिस्सों में 17 वर्षीय एक लड़की की मौत को लेकर पुलिस तथा स्थानीय लोगों के बीच झड़पों के बाद रविवार को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

राज्य बाल अधिकार निकाय ने NCPCR पर सीआरपीसी अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.

पश्चिम बंगाल के कालियागंज में एक लड़की साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या किए जाने को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध-प्रदर्शन के बाद शनिवार को वहां नए सिरे से हिंसा भड़क गई. इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने आज सुबह लोगों से लड़की की मौत के संबंध में गलत सूचना साझा नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि 17 वर्षीय लड़की के शरीर पर चोट के कोई बड़े निशान नहीं पाए गए हैं, जिससे यौन उत्पीड़न का संकेत मिले. इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई. लगातार दो दिनों तक हिंसक विरोध पर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की. क्योंकि स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पीड़िता के साथ रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.

पुलिस का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पोस्टमार्टम करने के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई है. पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल बाल अधिकार निकाय ने अपने केंद्रीय समकक्ष पर "बच्चों के शवों के साथ" राजनीति करने और राज्य को बदनाम करने के लिए "खुले तौर पर" कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (WBCPCR) ने ट्वीट किया, "बाल अधिकारों के रखवालों द्वारा पश्चिम बंगाल में बच्चों के शवों के साथ राजनीति करना! शर्मनाक एनसीपीसीआर!" 

WBCPCR की चेयरपर्सन सुदेशना रॉय ने आज सुबह कथित अपराध वाले इलाके का दौरा किया और घटना की रिपोर्ट इकट्ठी की. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने लड़की के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में गुस्से के बीच एक एक फैक्ट फाइडिंग टीम को पश्चिम बंगाल के कालियागंज भेजा था. एनसीपीसीआर के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो भी शनिवार को कोलकाता पहुंचे और कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस को बाल मुद्दों से निपटने में अधिक संवेदनशील होना चाहिए और राज्य को कानून व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए.

राज्य बाल अधिकार निकाय ने NCPCR पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) अधिनियम का उल्लंघन करने और अवैध रूप से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने का आरोप लगाया. WBCPCR के हैंडल से ट्वीट में लिखा गया, "बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए राज्य आयोग की उपस्थिति को नजरअंदाज करते हुए, एनसीपीसीआर ने सीपीसीआर अधिनियम का घोर उल्लंघन किया और राज्य को बदनाम करने के एकमात्र उद्देश्य से अवैध रूप से राज्य में प्रवेश किया. शर्मनाक"

इस घटना का पता शुक्रवार सुबह उस समय चला जब उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज कस्बे में तालाब के किनारे लड़की का शव मिला. पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि मौत "जहरीले पदार्थों के सेवन के प्रभाव के कारण" हुई थी. इस घटना को लेकर बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है. राज्य के बीजेपी प्रमुख और बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार ने कल पीड़ित परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि पुलिस घटना की जांच करने में अक्षम है.

दिनाजपुर पुलिस अधीक्षक सना अख्तर ने कहा,  "पुलिस को पीड़ितों के शव को जल्द से जल्द पोस्टमार्टम सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा ताकि महत्वपूर्ण सबूत खो न जाएं. हमने मामले की ठीक से जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का भी गठन किया है. “ एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियांक कानूनगो के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "हमें पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में सामूहिक बलात्कार की घटना और एक बच्ची की हत्या के बारे में जानकारी मिली है. हमें कई स्रोतों से बहुत सारी जानकारी मिली है. इस जघन्य हत्या की हम जांच करने जा रहे हैं. मैं स्वयं अपनी टीम के साथ उत्तर दिनाजपुर जाऊंगा."

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