- ममता ने टैगोर के गीत बांग्लार माटी बांग्लार जल को स्कूलों की मॉर्निंग असेंबली में गाना अनिवार्य कर दिया है
- सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड के आदेश के मुताबिक राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में यह गीत गाना होगा
- ममता सरकार का मानना है कि ये गीत गाने से राज्य में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव मजबूत करने में मदद मिलेगी
पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के गीत 'बांग्लार माटी, बांग्लार जल' को राज्य के स्कूलों की मॉर्निंग असेंबली में गाना अनिवार्य कर दिया है. यह राज्य का आधिकारिक गीत है. पश्चिम बंगाल के सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड ने गुरुवार को गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी.
अधिसूचना में राज्य के सभी सरकारी सहायता प्राप्त और स्पॉनसर्ड स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य के गीत 'बांग्लार माटी, बांग्लार जल' को मॉर्निंग असेंबली में नियमित रूप से गाया जाए. यह आदेश बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी मान्यता प्राप्त अपर प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के लिए है.
शिक्षा बोर्ड की अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि राज्य गीत को गाने में लगभग 1 मिनट और 59 सेकंड का समय लगेगा. यह भी कहा गया है कि हर सरकारी समारोह की शुरुआत में यह गीत गाया जाएगा और उसका समापन राष्ट्रगान के साथ होगा.
बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बताया कि यह गीत रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1905 में लिखा गया था. अब इस गीत को पश्चिम बंगाल के हर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक जय हे' के साथ हर सुबह गाया जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने कहा कि 'बांग्लार माटी, बांग्लार जल' को स्कूलों में अनिवार्य करने के पीछे सोच यह है कि इससे राज्य में सामाजिक एवं सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 2023 में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर बंगाली कैलेंडर के पहले दिन पोइला बैसाख को राज्य स्थापना दिवस घोषित किया था और टैगोर के इस गीत को राज्य गीत के रूप में अपनाया था. एक साल बाद जनवरी 2024 में पश्चिम बंगाल सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी.
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