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यूपी-हरियाणा या दिल्ली बोर्ड नहीं... ये 5 राज्य सेट करते हैं 10वीं और 12वीं के सबसे मुश्किल पेपर

PARAKH की एनालिसिस में सामने आया कि त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के बोर्ड एग्जाम में इंग्लिश और मैथ्स के पेपर में ज़्यादा मुश्किल सवाल आए.

त्रिपुरा ऑफ ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन में सबसे ज़्यादा 66.6% मुश्किल सवाल थे.

नई दिल्ली:

बोर्ड परीक्षाओं की बात आती है, तो न सिर्फ छात्र बल्कि कई बार माता-पिता भी थोड़ा तनाव में आ जाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्ज़ाम (Board Examinations) कुछ राज्यों में आसान होते हैं. वहीं, कुछ राज्यों में ये एग्जाम बहुत मुश्किल होते हैं. नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) के तहत एक मानक-निर्धारण संस्था PARAKH की एक एनालिसिस में ये जानकारी सामने आई है. PARAKH ने 17 स्कूल एजुकेशन बोर्ड्स के इंग्लिश और मैथेमैटिक्स के पेपर का एनालिसिस किया था. 

PARAKH की एनालिसिस में सामने आया कि त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के बोर्ड एग्जाम में इंग्लिश और मैथ्स के पेपर में ज़्यादा मुश्किल सवाल आए. 

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पिछले एक साल से PARAKH ने पहली बार केंद्र सरकार की ओर से देशभर के स्कूल बोर्डों के एसेसमेंट को स्टैंडर्टडाइज करने के लिए एक फॉर्मूला तय करने की कोशिश में 17 स्कूल एजुकेशन बोर्ड्स के पेपर का एनालिसिस कर रहा था. PARAKH की ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि 'बोर्ड्स में समानता स्थापित करने' में हाल ही में इसके रिजल्ट पब्लिक किए गए.

किस बोर्ड में कितने मुश्किल सवाल?
-रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा ऑफ ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन में सबसे ज़्यादा (66.6%) मुश्किल सवाल थे. 
-महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 53.57% सवाल पूछे गए. महाराष्ट्र में आसान, कठिन और मीडियम लेवल के सवाल बराबर थे.
-छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 44.44% सवाल मुश्किल होते हैं. 
-पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 33.33% मुश्किल सवाल थे.
-इन 5 बोर्डों में से छत्तीसगढ़ के छात्रों की स्थिति थोड़ी बेहतर थी, क्योंकि उनके पेपर में करीब आधे (47.62%) सवाल आसान थे. 
- गोवा में 44.66% कठिन और 55.34% मीडियम लेवल के सवाल थे, कोई आसान सवाल नहीं थे. 

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‘कॉग्नेटिव डिमांड' का भी हुआ एनालिसिस
परख ने अपने एनालिसिस में 17 स्कूल बोर्ड के क्वेश्चन पेपर की ‘कॉग्नेटिव डिमांड' को भी देखा गया. इसमें पाया गया कि हरियाणा बोर्ड के पेपर में सबसे अधिक (64.71%) ऐसे सवाल थे, जो रटने की क्षमता का टेस्ट करते हैं. इसके बाद गोवा (57.89%), हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (53.13%) और ओडिशा (50.77%) का स्थान था. वहीं, यूपी बोर्ड में (87.76%) सबसे ज्यादा ऐसे सवाल थे, जो छात्रों की समझ का टेस्ट लेते हैं. इसके बाद नगालैंड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (73%), त्रिपुरा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (61.7%) और केरल सार्वजनिक परीक्षा बोर्ड (61.54%) का नंबर आता है.

क्या है एनालिसिस का रिजल्ट?
कुल मिलाकर 17 बोर्डों के पेपर देखने पर पाया गया कि ज़्यादातर सवाल आसान से लेकर थोड़े मुश्किल तक थे. इनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मणिपुर, ओडिशा, नागालैंड, हिमाचल, केरल के बोर्ड और CISCE भी शामिल हैं. इस रिपोर्ट में बोर्ड्स को क्वेश्चन पेपर्स ऐसे तैयार करने की सलाह दी गई, जो छात्रों को क्रिएटिविटी और कल्पनाशील बनने में मदद करें.

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