पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Ananda Bose) ने कोलकाता में राजभवन के सभी कर्मचारियों को एक निर्देश जारी किया है, जिसमें उन्हें एक अस्थायी कर्मचारी द्वारा उनके खिलाफ दायर हालिया यौन उत्पीड़न शिकायत के संबंध में राज्य पुलिस के किसी भी संचार को नजरअंदाज करने का निर्देश दिया गया है.
राजभवन के आधिकारिक हैंडल पर साझा किया गया निर्देश स्टाफ (स्थायी या अस्थायी) को यौन उत्पीड़न में चल रही जांच के संबंध में ऑनलाइन, ऑफलाइन, व्यक्तिगत रूप से, फोन पर या किसी अन्य माध्यम से कोई भी बयान देने से स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है. यह कदम राज्यपाल के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन के बाद उठाया गया है, जिसमें राजभवन परिसर से सीसीटीवी फुटेज के लिए एसआईटी का अनुरोध भी शामिल है.
ये आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दौरे से पहले सामने आए. पीएम मोदी कोलकाता में हैं और राजभवन में रात बिता रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने आज दोपहर कहा, राजभवन में शांति कक्ष से जुड़ी एक अस्थायी कर्मचारी सदस्य होने का दावा करने वाली एक महिला गवर्नर हाउस के अंदर स्थित पुलिस चौकी पर पहुंची और बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया..
राज्यपाल ने आरोप सामने आने के बाद से उनका जोरदार खंडन किया है. हाल ही में एक ऑडियो संदेश जारी कर उन्होंने विवाद के पीछे राजनीतिक उद्देश्यों का आरोप लगाया. उन्होंने राजभवन के कर्मचारियों को दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले संभावित घुसपैठियों के खिलाफ सतर्क रहने की चेतावनी दी.
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