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This Article is From Feb 25, 2021

'मंत्री चला रहे थे स्कूटर, पीछे बैठी थीं मुख्यमंत्री', पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का अनूठा विरोध  

स्कूटर मंत्री फिरहाद हकीम चला रहे थे, जबकि सीएम ममता बनर्जी उनके पीछे बैठी थीं. ये साधारण स्कूटर नहीं बल्कि बैटरी से चलने वाला ग्रीन स्कूटर था.

ग्रीन स्कूटर से मुख्यमंत्री दफ्तर जातीं ममता बनर्जी, ड्राइव कर रहे मंत्री फिरहाद हकीम.

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerje) ने पेट्रील-डीजल की बढ़ती कीमतों का अनूठे ढंग से विरोध किया है. ममता बनर्जी आज (गुरुवार, 25 फरवरी) कार की सवारी छोड़कर स्कूटर से मुख्यमंत्री दफ्तर पहुंची. उनका स्कूटर मंत्री फिरहाद हकीम चला रहे थे, जबकि सीएम उनके पीछे बैठी थीं. ये साधारण स्कूटर नहीं बल्कि बैटरी से चलने वाला ग्रीन स्कूटर था. इस दौरान हेलमेट पहनीं ममता बनर्जी मुंह पर मास्क लगाई हुई थीं और गले में एक पट्टा लटका रखा था. उस पट्टे पर अंग्रेजी में लिखा था, "आपके मुंह में क्या है, पेट्रोल की कीमत बढ़ाना, डीजल की कीमत बढ़ाना और गैस की कीमत बढ़ाना"

सीएम के स्कूटर पर दफ्तर जाने का पूरा कार्यक्रम सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया गया. उन्होंने बढ़ते ईंधन के दामों का विरोध करने का ये अनूठा तरीका निकाला था. चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में भी इस महीने पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया.

इससे पहले किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विरोध प्रदर्शन का अनोखा तरीका निकाला था. तेजस्वी यादव  ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंचे थे. उनके साथ कुछ लोग ट्रैक्टर पर सवार थे. इस दौरान तेजस्वी ने कहा था कि सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है. ये सरकार का तानाशाही रवैया है. सरकार किसान विरोधी काम कर रही है. ईंधन की कीमत बढ़ाना भी किसाना पर हमला है. पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. आम जनता परेशान है लेकिन सरकार चुप बैठी है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनावों की तारीखों का ऐलान जल्द होने की संभावना है. बीजेपी लगातार चुनाव प्रचार में लगी है. वहीं ममता भी सरकार को महंगाई, पेट्रोल और किसानों के मुद्दे पर लगातार घेर रही हैं. बीजेपी ने बंगाल में आज से सोनार बांग्ला अभियान की भी शुरुआत की है. जिसके तहत पार्टी बंगाल में लोगों से सुझाव मांगेगी.  इसके तहत करीब  2 करोड़ सुझाव लिए जाएंगे.  पूरे बंगाल में लगभग 30,000 सुझाव पेटिकाएं लगाई जाएंगी. 294 विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 100 पेटिकाएं लगाई जाएंगी. ये अभियान 3 मार्च से 20 मार्च तक चलेगा.

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