लद्दाख में चीन की घुसपैठ की पृष्ठभूमि में नौसेना ने कहा है कि वह हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीनी नौसेना की गतिविधि पर लगातार नजर रख रही है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल रॉबिन धोवन ने संवाददाताओं से कहा, हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी युद्धपोत तैनात किए गए हैं, हमारी लगातार उन पर नजर है और देखते हैं कि उनकी तैनाती का क्या मतलब है। इसके साथ ही हमारे विमान, पनडुब्बियां और युद्धपोत किसी भी तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैनात रहते हैं।
उन्होंने कहा, आईओआर हमारे संचालन का क्षेत्र है और हम देखते हैं कि आईओआर में चीन की तैनाती का क्या मतलब है और वह कैसे हमारे लिए चुनौतियां पैदा कर सकते हैं और हम कैसे उनका सामना कर सकते हैं...हम हमेशा तैयार हैं।
नौसेना प्रमुख ने नौसेना युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो की स्वर्ण जयंती पर आयोजित समारोह से इतर यह टिप्पणी की। चुमार में चीनी सैनिकों ने दो हफ्तों से भी अधिक समय तक घुसपैठ की और भारतीय सैनिकों के साथ उनका गतिरोध बना हुआ है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि लद्दाख क्षेत्र की घटना को लेकर केवल सेना ही टिप्पणी कर सकती है। उन्होंने कहा कि आईओआर में भारत के समुद्री हितों की देखभाल करने की जिम्मेदारी नौसेना की है।
नौसेना प्रमुख ने कहा, हम उनका (चीनी नौसेना) सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। समुद्री क्षेत्र में हमारे आर्थिक हित हैं और उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। हाल के समय में चीनी नौसेना आईओआर में अपने युद्धपोत और पनडुब्बियों तैनात करती रही है।
इस साल चीन और भारत के बीच प्रस्तावित समुद्री वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बंदरगाहों के दौरे और अदन की खाड़ी में समुद्री दस्यु विरोधी अभियानों को लेकर दोनों पक्ष सहयोग करते आए हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वियतनाम के साथ नियोजित तेल अन्वेषण गतिविधि से जुड़े आर्थिक हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की जरूरत होगी, धोवन ने कहा कि जहां भी जरूरत होगी, नौसेना वहां अपनी मौजूदगी दिखाएगी। उन्होंने कहा कि नौसेना का पूर्वी बेड़ा हाल में रूस के व्लादिवोस्तोक गया था और वहां से मालाबार युद्ध अभ्यास शृंखला के तहत अमेरिकी और जापानी नौसेना के साथ अभ्यास के लिए प्रशांत महासागर के लिए रवाना हुआ।
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