दक्षिण भारत के लिए नियुक्त इजराइल की महावाणिज्य दूत टैमी बेन-हैम ने फलस्तीन के सशस्त्र समूह हमास के खिलाफ कार्रवाई में भारत की मदद मांगते हुए मंगलवार को कहा कि यहूदी देश को दुनिया भर के समान विचारधारा वाले देशों और लोगों के समर्थन की जरूरत है. बेन-हैम ने पीटीआई-भाषा से एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘इस आतंकी संगठन को नष्ट करने के लिए हम अपनी ओर से सर्वोत्तम कोशिश करने जा रहे हैं और हमें भारत के समर्थन की जरूरत है, हमें अपने दोस्तों के समर्थन की जरूरत है. हमें दुनिया भर के समान विचारधारा वाले देशों और लोगों के समर्थन की जरूरत है जो समझते हैं कि हमें आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की आवश्यकता है.''
उन्होंने कहा, ‘‘अभी यह इजराइल है, लेकिन हम एकमात्र ऐसा देश नहीं है जिसने इस तरह के हमले को झेला है.''
उन्होंने इजराइल का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की. इस संदर्भ में, उन्होंने मोदी के इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के उनसे बात करने और वर्तमान स्थिति की अद्यतन जानकारी देने का उल्लेख किया.
इजराइली दूत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का संदेश बहुत स्पष्ट और कड़ा है, जो कि एक अच्छी चीज है.''
बेन-हैम के अनुसार, इस जघन्य हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करना और भारत सरकार की ओर से समर्थन का मजबूत संदेश मिलना इजराइल के लिए जरूरी था, जहां काफी संख्या में लोग हताहत हुए हैं.
महावाणिज्य दूत ने यह भी कहा कि इजराइल अब इस आतंकी संगठन से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह फिर से हमला करने की ताकत नहीं जुटा सके.
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि (भारत का) समर्थन जारी रहे. हम चाहते हैं कि यह तालमेल बना रहे. हमास ने इजराइली नागरिकों, इजराइली बच्चों, महिलाओं को निशाना बनाया, लेकिन वे गाजा में भी यही कर रहे हैं.''
इजराइल में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के सिलसिले में, बेन-हैम ने कहा कि एक घायल भारतीय महिला की हालत स्थिर है और उसे इजराइल के दक्षिणी हिस्से से देश के मध्य में ले जाया गया है.
उन्होंने बताया कि इजराइली हवाई अड्डा से उड़ानों का परिचालन सामान्य रूप से हो रहा है.
महावाणिज्य दूत ने कहा कि इजराइली अधिकारियों ने इजराइल में रह रहे कुछ भारतीय छात्रों और भारत में उनके परिवार के सदस्यों से बात की है.
मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमास ने सात अक्टूबर को शब्बात (शनिवार) के दिन इजराइल वासियों पर हमला किया, जो यहुदियों के लिए एक पवित्र दिन होता है और उस दिन वे मंदिर जाते हैं तथा काम पर नहीं जाते.
उन्होंने कहा, ‘‘900 से अधिक (इजराइली) मारे गये हैं...यह संख्या कुछ और बढ़ सकती है, लेकिन 900 लोगों की हमास आतंकी संगठन ने हत्या की है. ये बच्चे, महिलाएं, सशस्त्र नागरिक (जो मारे गए) हैं.''
उनके अनुसार, यह इजराइल को नष्ट करने के इरादे से और पूर्ण रूप से बगैर उकसावे के किया गया हमला है.''
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