
नैनीताल की जीवन रेखा मानी जाने वाली नैनी झील का जलस्तर घटकर 4.7 फुट तक रह गया है.यह पिछले पांच साल में सबसे कम है. जलस्तर में गिरावट से स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच पानी के संभावित संकट को लेकर चिंता पैदा हो गई है. इस झील का जलस्तर आमतौर पर जनवरी और फरवरी में पांच फीट के निशान से ऊपर चला जाता है, हालांकि, इस साल यह 4.7 फीट तक गिर गया है.जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट की वजह से मई-जून से काफी पहले यह शून्य तक पहुंच सकती है.
झील का जलस्तर घटने का कारण क्या है
इस बार सर्दियों में पर्यटक नगरी में बहुत कम बारिश और बर्फबारी हुई थी. इससे गर्मी के महीनों में झील का जलस्तर रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरने की आशंका बढ़ गई है. पिछले साल भी नैनीताल को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, लेकिन मानसून ने बारिश की कमी की भरपाई की थी. बारिश के मौसम में झील लबालब हो गई थी. इससे जलस्तर बढ़कर 12 फुट तक हो गया था. इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य के सिंचाई विभाग को नियमित अंतराल पर झील से अतिरिक्त पानी निकालना पड़ा था.हालांकि, इस साल शहर में बहुत कम बारिश और हिमपात हुआ.
नैनीताल में इस साल कितनी बार पड़ी बर्फ
नैनी झील के नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश गैड़ा ने बताया कि पिछली सर्दियों में नैनीताल में केवल दो बार (नौ दिसंबर और 12 जनवरी को) हिमपात हुआ था. यह झील में पानी भरने के लिए पर्याप्त नहीं था. गौड़ा के मुताबिक, अब जबकि जलस्तर लगातार घट रहा है और गर्मी का मौसम व पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है, तो पानी के संभावित संकट को लेकर राज्य के जल संस्थान, सिंचाई विभाग और पर्यटकों पर निर्भर व्यवसायों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
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