दिल्ली में एक तरफ तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ जल संकट (Water crisis) का खतरा मंडरा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में गर्मियों का मौसम शुरू होते ही पानी की मांग बढ़ जाती है. अब दिल्ली में पानी की किल्लत शुरू हो गई है, लेकिन ऐसे समय पर भी राजनीतिक दल इसे लेकर सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं. समस्या का सामना आम लोगों को करना पड़ रहा है. अब दिल्ली में पानी की बर्बादी करने वाले लोगों को 2000 रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ेगा.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी का सामना कर रही है. शहर के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच रहा है.
क्यों आ सकता है दिल्ली में जल संकट?
मंगलवार को दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कहा कि यमुना नदी का जलस्तर घट रहा है. हरियाणा से पानी कम छोड़ा जाना, इसके पीछे कारण है. अगर इसी तरह हरियाणा दिल्ली के हिस्से का पानी रोकता रहा तो दिल्ली में जल संकट आ जाएगा.
इस वर्ष कितना गिरा जल स्तर?
साल 2023 के अप्रैल, मई और जून माह में वजीराबाद में जल स्तर 674.5 फीट पर था. आरोप लगाया जा रहा है कि इस साल एक मई से ही हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी रोक दिया. इसकी वजह से एक मई को वजीराबाद का जो जल स्तर 674.5 फीट पर था, एक सप्ताह के अंदर गिरकर 672 फीट पर आ गया. जलस्तर 20 मई को 671, 24 मई को 670.2 और 28 मई को गिरकर 669.8 फीट पर पहुंच गया.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को लिखे एक पत्र में आतिशी ने कहा है कि, ‘‘यह टीमें गुरुवार को सुबह आठ बजे से तैनात होंगी और पानी की बर्बादी करते पाए जाने पर जुर्माना लगाएंगी. ये टीम निर्माण स्थलों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में किसी भी अवैध पानी के कनेक्शन को काट देंगी.''
बीजेपी ने जल संकट के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जल मंत्री आतिशी दिल्ली में पानी की समस्या के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराकर दिल्ली वासियों को गुमराह कर रही हैं. आखिर समर एक्शन प्लान पर काम क्यों नहीं किया? आज दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, और इसके लिए जिम्मेदार 'आप' की सरकार है.
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