
- योग गुरु बाबा रामदेव ने NDTV के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में एंटी एजिंग पर दी जानकारी.
- बोले- उम्र बढ़ना स्वाभाविक है. जवान दिखना और जवान बने रहना अलग है.
- शेफाली जरीवाला की मौत के पीछे एंटी एजिंग ट्रीटमेंट के कारणों पर भी चर्चा की.
- बाबा रामदेव ने बताया कि इंसान की सहज आयु 150-200 वर्ष की है.
एंटी एजिंग को लेकर NDTV इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि बचपन के बाद जवानी और जवानी के बाद बुढ़ापा आना तय है. जवान दिखना और जवान बने रहना, दोनों अलग विषय हैं. उन्होंने कहा, 'हमारी बॉडी में जो कोशिकाएं हैं, उसकी एक आयु होती है. इसके साथ अगर सिंथेटिक छेड़छाड़ किया जाए तो शरीर में भी बाढ़, भूकंप जैसे उपद्रव सामने आते हैं. परिणामस्वरूप हार्ट अटैक जैसे इंसिडेंस सामने आते हैं. दरअसल, बॉलीवुड अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की मौत के बाद एंटी एजिंग ट्रीटमेंट चर्चा में बना हुआ है.
बाबा रामदेव ने अपनी उम्र का खुलासा करते हुए कहा कि उनकी उम्र 60 वर्ष के पार पहुंच चुकी है, लेकिन योग, आहार, व्यवहार और अच्छी जीवनशैली की बदौलत वे स्वस्थ, तंदुरुस्त और बिल्कुल फिट हैं. NDTV के सवाल कि शेफाली जरीवाला भी फिट दिखती थीं... बाबा रामदेव ने दो टूक कहा, 'हार्डवेयर ठीक था, सॉफ्टवेयर गड़बड़ था. सिम्टम्स ठीक थे, सिस्टम गड़बड़ था.
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'मनुष्य की सहज आयु 150-200 साल की है'
कुछ लोग हमेशा जवान दिखना चाहते हैं, जल्दी मरना नहीं चाहते, क्या प्रकृति के नियमों से छेड़छाड़ उचित है... इस सवाल के जवाब में योग गुरु ने कहा, 'बचपन, जवानी में तब्दील होता है और जवानी, बुढ़ापे में, लेकिन बुढ़ापा ऐसा है, जो व्यक्ति को साथ ले जाता है.'
आगे उन्होंने कहा, 'मनुष्य का वैचारिक पतन हो रहा है. कोई किसी की चुटिया काटने में लगा है, कोई किसी को मारने में लगा है. ये वैचारिक पतन क्यों हो रहा है, क्योंकि हम अपनी मूल प्रकृति से अलग हो गए हैं..
उन्होंने कहा, 'इंसान अपनी मूल प्रकृति, मूल स्वभाव है, मूल डीएनए है, अगर उससे जुड़ा रहा तो अपनी सहज आयु पूरी कर के जाएगा.' उन्होंने जोर देकर कहा कि मनुष्य की सहज आयु 150-200 साल की है.'
सिंथेटिक दवाइयों से बनाएं दूरी
उन्होंने कहा, 'लोग चाहते हैं कि उनका शरीर अच्छा रहे लेकिन उसके लिए वे जो साधन आजमाते हैं वो सही नहीं, लोग सिंथेटिक दवा और सिंथेटिक न्यूट्रास्युटिकल्स का इस्तेमाल करते हैं.' उन्होंने बताया कि हमारी शरीर की सेल मेमोरी को प्राकृतिक चीजें, जड़ी-बूटियां और नैसर्गिक आहार ही सूट करता है. ये सिंथेटिक चीजें जब लंबे समय तक ली जाती हैं तो ये हमारे जीवनीय ऊर्जा में विध्वंस पैदा कर देती हैं. इसका परिणाम ये होता है कि किसी को स्ट्रोक आता है, किसी को हार्ट अटैक आता है या किसी का लिवर या किडनी फैल हो जाता है.
बाबा रामदेव न आगे कहा कि सिंथेटिक दवाइयों से दूर रहकर जितना सात्विक खाया जाए, योग किया जाए और प्राकृतिक चीजों को जीवन का हिस्सा बनाया जाए, उतनी ही व्यक्ति की उम्र बढ़ेगी और व्यक्ति 60 की उम्र में भी 30 का नजर आएगा.
'मैं एक बार में एक किलो लड्डू खा सकता हूं, लेकिन...'
उन्होंने कहा, 'आदमी को जितना 100 साल में खाना चाहिए, वो जल्दी ही खा-पीकर बराबर कर देता है. मैं एक समय मैं एक किलो मक्खन का सकता हूं. एक समय में एक किलो लड्डू खा सकता हूं. एक समय में मैं दो लीटर दूध पी सकता हूं.. लेकिन मैं ये काम नहीं करता हूं.'
बाबा रामदेव ने कहा, 'हमें अपनी बॉडी को कैसे हील करना है, कैसे डील करना है, कैसे ऑपरेट करना है, कैसे को-ऑपरेट करना है, ये आता ही नहीं है. जीवन जीने के लिए खानपान पर नियंत्रण, अच्छी जीवनशैली जरूरी है.'

'शूद्र का मतलब अछूत नहीं'
उत्तर प्रदेश के इटावा वाले कथावाचक विवाद पर भी बाबा रामदेव ने बेबाकी से चर्चा की. उन्होंने कहा, 'लोगों का वैचारिक पतन हो रहा है. कोई किसी की चुटिया काट रहा है, कोई किसी को जान से मार रहा.' उन्होंने कहा, 'शूद्र का मतलब अछूत नहीं होता. हम सभी का DNA एक है. गुण और कर्म के आधार पर भेदभाव ठीक नहीं.'
बाबा रामदेव ने कहा, 'किसी विषय पर पक्षपात पूर्ण बात करना ठीक नहीं. हम सभी के अंदर एक ही ब्रह्म है.' वर्ण पर उन्होंने कहा, 'किसी ने मुझसे पूछा कि आप क्या हैं. मैंने कहा मैं फोर इन वन हूं. मेरे अंदर भी सभी वर्ण है. ईश्वर की बनाई दुनिया में भेदभाव ठीक नहीं.'
उन्होंने कहा, 'कथावाचक वाले मामले पर दसियों प्रकार के झूठ चल रहे हैं. मैं बहुत दुख के साथ इस बात को कह रहा हूं कि हमारे बागेश्वर वाला बाबा जी सारे हिंदू समाज को जोड़ने की बात करते हैं. वो भी कथावाचक मामले में झूठी बातों को लेकर टीका-टिप्पणी करने लग गए. मैं उनको भी फोन करूंगा.'
#NDTVExclusive | 'सनातन के नाम पर जो बखेड़ा कर रहे हैं वो जरा शास्त्र पढ़ लो' - इटावा के कथावाचक विवाद को लेकर बाबा रामदेव ने पहली बार दिया बयान
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पूरा इंटरव्यू : https://t.co/save0DPFqA#BabaRamdev | @awasthis pic.twitter.com/oh9nrdUUJM
'... ब्राह्मणों को अपनी दुकानें बंद कर देनी चाहिए'
बाबा रामदेव ने कहा, 'जो लोग ऐसी बातें करते हैं कि ब्राह्मणों का काम ब्राह्मणों को करना चाहिए,उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. तो फिर जितने भी ब्राह्मण हैं उन्हें वार्ड मेंबर, एमएलए, एमपी, सीएम, पीएम वगैरह कुछ भी नहीं बनने का संकल्प ले लेना चाहिए.' उन्हें कहना चाहिए कि हम तो कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे, राजनीति में नहीं आएंगे. अपनी सब दुकानें और फैक्ट्रियां बंद कर लेनी चाहिए. अपने खेत किसानों को दे देना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'आज ब्राह्मण सारे कार्य कर रहे हैं. क्षत्रिय भी सब काम कर रहे हैं. हमारे यहां तो कई ऐसे मठ हैं जहां क्षत्रिय, जाट, गुर्जर, ओबीसी पुजारी होता है. तो क्षत्रिय भी सब काम कर रहा है. ऐसे ही वैश्य भी सारे काम कर रहे हैं. ब्रिगेडियर हैं. सेना अध्यक्ष भी बने हैं.'
मंदिरों के चढ़ावे का पैसा राजनीतिक दलों के पास...
बाबा रामदेव ने राजनीतिक दलों पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल मंदिरों के चढ़ावे और चंदे का एक लाख करोड़ रुपया, राजनीतिक दल लेकर बैठ जाते हैं. उन्होंने कहा, 'धर्म का पैसा, वे क्यों लेते हैं. ये पैसा तो जनकल्याण में, अनुष्ठान में जाने चाहिए. लेकिन मंदिरों का पैसा, लगभग सभी राजनीतिक दलों के लोग कब्जा बैठे हैं.' कुछ जगहों पर प्रबंध समितियां हैं, वहां भी अव्यवस्था है. सनातन धर्म का पैसा, सनातन के काम में जाना चाहिए.
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