कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार सुबह अपने दिवंगत पिता तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की समाधि पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए.
देश के दक्षिणी छोर से शुरू हुई 'भारत जोड़ो' यात्रा के हफ्तेभर के दिल्ली प्रवास के दौरान शीतलहर से जूझती राजधानी में राहुल गांधी को कड़ाके की ठंड में सिर्फ एक टी-शर्ट और पतलून पहने और नंगे पैर चलते हुए 'वीर भूमि' पर देखा गया.
आज @RahulGandhi जी ने वीर भूमि पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को विनम्र श्रद्धांजलि दी।
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पंचायतीराज हो, युवा हो, महिला हो या किसान, हर वर्ग के उत्थान के लिए राजीव गांधी जी द्वारा उठाए कदम आज भी राह दिखा रहे हैं। pic.twitter.com/BNwpp2StlB
राहुल गांधी ने अपने पिता के अलावा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि 'राजघाट', देश के पहले प्रधानमंत्री और अपने परदादा पंडित जवाहरलाल नेहरू की समाधि 'शांतिवन', अपनी दादी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की समाधि 'शक्ति स्थल', देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की समाधि 'विजय घाट' तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि 'सदैव अटल' पर भी जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए.
आज @RahulGandhi जी ने शांति वन पहुंचकर प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू जी को स्मरण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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भारत को शून्य से शिखर तक पहुंचाने में पं. जवाहरलाल नेहरू जी का योगदान अविस्मरणीय है। pic.twitter.com/BBK0aN1xcr
तमिलनाडु से शुरू होकर जम्मू एवं कश्मीर तक जाने वाली 'भारत जोड़ो' यात्रा जिस वक्त से उत्तर भारत में पहुंची है, कड़कड़ाती ठंड को लेकर राहुल गांधी का जवाब चर्चा में बना हुआ है. गौरतलब है कि उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में तापमान कई दिन से 10 डिग्री से नीचे ही बना हुआ है.
आज @RahulGandhi जी ने शक्ति स्थल पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री लौह महिला इंदिरा गांधी जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए उनके विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। pic.twitter.com/xCcDaA00co
ठंड को झेलने को लेकर पूछे गए मीडिया के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा था, "वे मुझसे पूछते रहते हैं कि मुझे ठंड क्यों नहीं लगती... लेकिन वे यही सवाल किसानों, कामगारों, छोटे गरीब बच्चों से नहीं पूछते..."
रविवार को लालकिले पर एकत्र भीड़ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, "मैं 2,800 किलोमीटर चल चुका हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यह बहुत बड़ा काम नहीं है... किसान रोज़ाना बहुत ज़्यादा चलते हैं, खेत मज़दूर भी - दरअसल, समूचा भारत..."
दिल्ली का पड़ाव पूरा हो जाने के मौके पर राहुल गांधी ने कहा था कि वह कन्याकुमारी से यहां तक (दिल्ली) आ गए हैं, लेकिन आम लोगों के बीच उन्हें कहीं भी 'नफरत' देखने को नहीं मिली, हालांकि "मैंने लोगों के भीतर डर देखा..."
भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर नफरत और डर फैलाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा, "जब मैंने यात्रा शुरू की थी, मैंने सोचा था, हर तरफ नफरत फैली होगी... लेकिन मुझे वह नहीं मिली... जब आप TV देखते हैं, वहां सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम होता है, लेकिन हिन्दुस्तान के लोग ऐसे नहीं हैं..."
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