फाइल फोटो
नई दिल्ली:
गैंगस्टर छोटा राजन ने विशेष अदालत में दावा किया है कि भारतीय एजेंसियों ने उसे मोहन कुमार नाम से पासपोर्ट इसलिए दिया था क्योंकि दाऊद इब्राहिम के लोग वर्ष 2003 में बैंकाक में उसकी हत्या करने की कोशिश कर रहे थे. उसकी वजह यह थी कि उसने 1993 के मुंबई विस्फोटों के षड़यंत्रकर्ताओं तथा आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में मदद की थी.
राजन ने विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार के सामने यह बात कही. वह फर्जी पासपोर्ट मामले में बतौर आरोपी अपना बयान दर्ज करवा रहा था. उसके और तीन पूर्व पासपोर्ट अधिकारियों के खिलाफ यह मामला दर्ज है.
उसने विशेष अदालत से कहा, ''मैं आतंकवादियों और उन भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ लड़ाई में शामिल रहा हूं जो हमारे देश को नुकसान पहुंचाने और निर्दोष लोगों की जान लेने पर तुले हैं...राष्ट्रहित में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मुझे जिन लोगों ने मदद की या जिन्हें मैंने मदद की है, मैं उनका नाम नहीं ले सकता.''
उसने कहा,''जब दाऊद इब्राहिम के लोगों को पता चला कि मैं मुंबई विस्फोट के षड़यंत्रकारियों के सिलसिले में भारतीय एजेंसियों को सूचनाएं उपलब्ध करवा रहा हूं तो उन्होंने दुबई में मेरा मूल पासपोर्ट छीन लिया.''
उसने कहा,''उन्होंने मुझे जान से मारने की कोशिश की लेकिन मैं किसी तरह दुबई से भागने में कामयाब रहा और मलेशिया पहुंचा. उसके बाद मैं बैंकाक पहुंचा जहां दाऊद के लोगों ने मुझ पर जानलेवा कोशिश की. यही वजह है कि मुझे मोहन कुमार के नाम से पासपोर्ट दिया गया.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राजन ने विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार के सामने यह बात कही. वह फर्जी पासपोर्ट मामले में बतौर आरोपी अपना बयान दर्ज करवा रहा था. उसके और तीन पूर्व पासपोर्ट अधिकारियों के खिलाफ यह मामला दर्ज है.
उसने विशेष अदालत से कहा, ''मैं आतंकवादियों और उन भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ लड़ाई में शामिल रहा हूं जो हमारे देश को नुकसान पहुंचाने और निर्दोष लोगों की जान लेने पर तुले हैं...राष्ट्रहित में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मुझे जिन लोगों ने मदद की या जिन्हें मैंने मदद की है, मैं उनका नाम नहीं ले सकता.''
उसने कहा,''जब दाऊद इब्राहिम के लोगों को पता चला कि मैं मुंबई विस्फोट के षड़यंत्रकारियों के सिलसिले में भारतीय एजेंसियों को सूचनाएं उपलब्ध करवा रहा हूं तो उन्होंने दुबई में मेरा मूल पासपोर्ट छीन लिया.''
उसने कहा,''उन्होंने मुझे जान से मारने की कोशिश की लेकिन मैं किसी तरह दुबई से भागने में कामयाब रहा और मलेशिया पहुंचा. उसके बाद मैं बैंकाक पहुंचा जहां दाऊद के लोगों ने मुझ पर जानलेवा कोशिश की. यही वजह है कि मुझे मोहन कुमार के नाम से पासपोर्ट दिया गया.''
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