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गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर रोक नहीं, वक्फ कानून पर सरकार का बयान, 7 प्वाइंट्स में समझाई अपनी बात

Supreme Court stays key provisions of Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर तब तक रोक लगा दी, जब तक कि संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता.

गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर रोक नहीं, वक्फ कानून पर सरकार का बयान, 7 प्वाइंट्स में समझाई अपनी बात
  • सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगा दी है और अब इसपर सरकार की प्रतिक्रिया आई है.
  • गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या केंद्रीय वक्फ परिषद में चार और राज्य वक्फ बोर्डों में तीन से अधिक नहीं हो सकती.
  • सुप्रीम कोर्ट ने गैर-पंजीकृत वक्फों को वक्फ नहीं मानने के प्रावधान पर रोक नहीं लगाई है.
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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगा दी है. अब कलेक्टर को प्रॉपर्टी विवाद पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा. कोर्ट ने फैसला दिया कि वक्फ करने के लिए 5 साल की इस्लाम की प्रैक्टिस करने की अनिवार्यता पर रोक लगाई जाती है. साथ ही उसने वक्फ निकायों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर भी शर्त लगाई है. भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सोमवार, 15 सितंबर को इस मामले में अंतरिम राहत पर फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को फैसला सुरक्षित रखा था. सोमवार को कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कानून के संपूर्ण प्रावधानों पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है, लेकिन कुछ धाराओं पर अंतरिम संरक्षण जरूरी है. 

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अब केंद्रीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पहले आपको प्वाइंटर में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बताते हैं और फिर प्वाइंटर में ही आपको केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया भी बताएंगे.

वक्फ कानून के किन प्रावधानों पर लगी अंतरिम रोक?

  • कोर्ट ने आदेश में कहा कि कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का निर्णय करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. कलेक्टर को  प्रॉपर्टी विवाद पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा. कलेक्टर को ऐसी शक्तियों से संबंधित प्रावधान पर रोक रहेगी.
  • कोर्ट ने फैसला दिया कि वक्फ करने के लिए 5 साल की इस्लाम की प्रैक्टिस करने की अनिवार्यता पर रोक लगाई जाती है. 
  • सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या 4 से अधिक नहीं हो सकती. राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या 3 से अधिक नहीं हो सकती.

सरकार की प्रतिक्रिया

  1. सुप्रीम कोर्ट ने  याचिकाकर्ता द्वारा लगाई गई रोक को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है.
  2. जिन प्रावधानों पर गंभीर रूप से विवाद हुआ था, उनमें से एक गैर-पंजीकृत वक्फों को मान्यता न देना था. सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर रोक नहीं लगाई है. दूसरे शब्दों में, गैर-पंजीकृत वक्फों को वक्फ नहीं माना जाएगा.
  3. जहां तक केंद्रीय वक्फ परिषद का संबंध है, नए अधिनियम में चार गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने एक बयान दिया था कि दी गई संख्या यानी 'चार' अधिकतम संख्या है और चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही बात दोहराई है और निर्देश दिया है कि चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए. इस प्रकार, किसी भी गैर-मुस्लिम को शामिल करने पर रोक लगाने की प्रार्थना खारिज की गई है. 
  4. अभी सभी राज्य वक्फ बोर्डों में नए संशोधन में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों का प्रावधान है. याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर इसे चुनौती दी थी कि कोई भी गैर-मुस्लिम राज्य वक्फ बोर्ड का सदस्य नहीं हो सकता. जबकि केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि गैर-मुस्लिम सदस्यों की अधिकतम संख्या दो है और दो से ज्यादा नहीं हो सकती. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही स्थिति स्वीकार की है.
  5. वक्फ अधिनियम के एक प्रावधान के अनुसार, एक सक्षम अधिकारी यह निर्धारित कर सकता है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं. केंद्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह केवल एक अस्थायी निर्धारण है क्योंकि स्वामित्व का निर्णय केवल एक सक्षम न्यायालय या ट्रिब्यूनल द्वारा ही किया जा सकता है. केंद्र सरकार द्वारा स्वयं की गई इस व्याख्या के आधार पर, सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर रोक लगा दी है कि मालिकाना हक का फैसला केवल वक्फ न्यायाधिकरण या सिविल न्यायालय द्वारा ही किया जा सकता है.
  6. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी वक्फों को निर्देश दिया है कि वे वक्फ संपत्ति को हस्तांतरित न करें या वक्फ संपत्ति पर कोई भार न बनाएं, जब तक कि न्यायाधिकरण द्वारा इस मुद्दे पर फैसला न हो जाए. केंद्र सरकार ने इस स्थिति का कभी विरोध नहीं किया है.
  7. एक प्रावधान नए वक्फ के निर्माण के संबंध में था. संशोधन में यह प्रावधान किया गया था कि केवल वही व्यक्ति जो 5 वर्षों से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा हो, वक्फ बना सकता है. केंद्र सरकार ने इस प्रावधान पर तब तक रोक लगा दी थी जब तक केंद्र सरकार नियम नहीं बना लेती.

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