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किसी ने सुनाई कविता, किसी ने शायरी, पढ़ें वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान के 'वाह-वाह' मूवमेंट

वक्फ बिल पर बहस के दौरान सदन में शेरो-शायरी के साथ-साथ कविता का भी पाठ हुआ. इस दौरान सभी सदस्य वाह-वाह करते नजर आए.

किसी ने सुनाई कविता, किसी ने शायरी, पढ़ें वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान के 'वाह-वाह' मूवमेंट
लोकसभा में चर्चा के दौरान सांबित पात्रा, किरेन रिजिजू और कल्याण बनर्जी.

बुधवार दोपहर 12 बजे लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया गया. जिसके बाद इस बिल पर बहस शुरू हुई. पहले बहस की टाइमिंग 8 घंटे निर्धारित की गई थी. लेकिन बाद में बहस की टाइमिंग को और बढ़ाया गया. इस बहस के दौरान कई बार आरोप-प्रत्यारोप दिखा तो कई बार तीखी नोक-झोंक भी हुई. वहीं कई बार ऐसे माहौल भी बने जब संसद के सदस्य 'वाह-वाह' करने को विवश हो गए. दरअसल वक्फ बिल पर बहस के दौरान कुछ सदस्यों ने कविता सुनाई तो कुछ ने शेर सुनाए. कुछ ने ऐसे वनलाइनर बोले जिससे सदन का माहौल वाह-वाह करने लगा. 

लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान शेरो-शायरी और कविताएं

किसी के बाद कोई बदगुमा ना समझे...

वक्फ बिल को पेश करते समय केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जब यह शेर पढ़ा तो सदस्य वाह-वाह करते दिखे. किरेन रिजिजू ने कहा, "किसी ने कहा कि ये प्रावधान गैर संवैधानिक हैं. किसी ने कहा कि गैर-कानूनी हैं. यह नया विषय नहीं है. आजादी से पहले पहली बार बिल पास किया गया था. इससे पहले वक्फ को इनवैलिडेट (अवैध करार) किया गया था. 1923 में मुसलमान वक्फ एक्ट लाया गया था. ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी का आधार देते हुए एक्ट पारित किया गया था."

तू हिंदू बनेगा, न मुसलमान बनेगा... 

लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व में, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) इस बिल का पूरी तरह से विरोध करती है. मेरे भाषण की भावना यह है— ‘तू हिंदू बनेगा, न मुसलमान बनेगा; इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा.'”

उसी का शहर, वही मुद्दई... 

वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सांबित पात्रा ने भी एक शेर पढ़ा. सांबित पात्रा ने अपनी बात का अंत एक शेर से किया, जिसमें उन्होंने कहा- उसी का शहर, वही मुद्दई, वही मुंशिफ, हमें यकीन था हमारा कसूर जरूर निकलेगा. सांबित पात्रा ने बहस के दौरान एक कविता का भी पाठ किया. 

"किसी को बनाया नहीं दास
किसी का किया नहीं उपहास
किसी का छीना नहीं निवास
किसा को दिया नहीं त्रास
वहीं हम है भारत संतान, वहीं हम है भारत संतान"

सांबित पात्रा ने बताया कि यह गया प्रसाद शुक्ल स्नेही जी की कविता है.

'ईद के जायके को कड़वा करना...

वक्फ बिल पर बोलते हुए सपा सांसद इकरा हसन ने ईद के दौरान पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई सौगात-ए-मोदी का जिक्र करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया. इकरा हसन ने कहा कि आपने दान देने के लिए प्रैक्टिसिंग मुस्लिम का क्लॉज डाल दिया लेकिन बोर्ड में होने के लिए प्रैकक्टिसिंग मुस्लिम होना जरूरी नहीं है. इस सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट में सेक्यूलरिज्म का रस क्यों नहीं घोल दिया. खुद एक मुस्लिम महिला हूं और इस सदन में सिर्फ दो महिलाएं हैं. ये बिल मुसलमान की भलाई का नहीं, मुसलमान को मिटाने का है. ईद के जायके को कड़वा करना, यही असली सौगात-ए-मोदी था. 

बाबासाहब का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान नहीं...

भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने वक्फ बिल पर बोलते हुए कहा कि वह उन लोगों को जवाब देना चाहते हैं जिन्होंने पहले बड़े-बड़े बयान दिए थे. उन्होंने कहा, "यह हिंदुस्तान है, पाकिस्तान या तालिबान नहीं. यहां बाबा साहब का संविधान चलेगा, किसी कबीले का फरमान नहीं." अनुराग ठाकुर के इस बयान पर भी सदन में खूब मेज थपथपाई गई. 

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