महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित भाटसा बांध के बाएं किनारे की नहर की दीवारों में दरार आने से कुछ गांवों के खेतों में पानी भर गया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, बांध की नहर की दीवारों में दरार आने के कारण निचले इलाकों के कुछ गांवों के कृषि क्षेत्र में पानी भर गया है. शाहापुर की तहसीलदार नीलिमा सूर्यवंशी ने कहा कि मंगलवार शाम की तुलना में यह दरार और चौड़ी हो गई है. दरार का पता मंगलवार को चला था.
उन्होंने कहा कि नहर की दीवार की दरारों से बहते पानी को फिलहाल रोका नहीं जा सकता, हालांकि दरार को भरने के प्रयास जारी हैं.
तहसीलदार नीलिमा सूर्यवंशी ने कहा, ‘‘ राजस्व विभाग फसल के नुकसान का आकलन कर रहा है. मुआवजे के बारे में संबंधित विभाग फैसला करेगा.'' ग्रामीणों और स्थानीय विधायक के अनुसार, बांध के बाएं किनारे की नहर की दीवारों में पहले भी दरारें पड़ चुकी हैं. शाहापुर के विधायक दौलत दरोदा ने कहा कि भाटसा बांध की नहर की दीवारों में साल में कम से कम एक बार दरार जरूर आती है. दौलत दरोदा ने कहा, ‘‘ लेकिन, इस मामले में कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि मरम्मत के लिए धन उपलब्ध नहीं कराया गया है. ''शाहापुर के पास स्थित भाटसा बांध, ग्रेटर मुंबई नगर निगम और ठाणे नगर निगम के लिए पानी का प्रमुख स्रोत है.
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