विजय माल्या.
नई दिल्ली:
देश के विभिन्न बैंकों से 9000 करोड़ से ज्यादा की रकम को लेकर गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तारी से बचने के लिए लंदन में जाकर बैठे विजय माल्या के मामले सरकार के आला सूत्रों का कहना है कि विजय माल्या के खिलाफ आईडीबीआई मामले में ब्रिटेन के सामने शिकायत रखी गई थी.
वित्तमंत्री अरुण जेटली की फरवरी में ब्रिटन यात्रा के दौरान माल्या का मामला प्रमुखता से उठाया गया था. जेटली के दखल के बाद मामले में तेज़ी आई. अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि विजय माल्या को अदालत ने सशर्त ज़मानत दी है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि देश छोड़ कर न जाएं ये तय हुआ. साथ ही करीब साढ़े पाँच करोड़ का बॉन्ड लिया है. 17 मई से प्रत्यर्पण के मामले पर सुनवाई शुरू होगी.
सरकार का कहना है कि भारत की जाँच एजेंसियाँ मजूबती से अपनी बात अदालत के सामने रखेंगी. सरकार को उम्मीद है कि विजय माल्या को जल्दी ही भारत वापस लाने में कामयाबी मिलेगी.
वित्तमंत्री अरुण जेटली के हवाले से सूत्रों का कहना है कि विजय माल्या का मामला वहां के पीएम, ट्रेजरी और विदेश सचिव के साथ बैठक में उठाया गया था. दोनों देशों में प्रत्यर्पण को लेकर संधि है. इस मामले में सुनवाई के लिए लंदन ने इसे सही केस माना. केस दाखिल करने के बाद माल्या के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था. अब इस मामले में यूके की कोर्ट में भारत को अपना पक्ष मजबूती से रखना है. इस मामले में सीबीआई और भारतीय उच्चायोग की सक्रियता देखी जाएगी.
वित्तमंत्री अरुण जेटली की फरवरी में ब्रिटन यात्रा के दौरान माल्या का मामला प्रमुखता से उठाया गया था. जेटली के दखल के बाद मामले में तेज़ी आई. अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि विजय माल्या को अदालत ने सशर्त ज़मानत दी है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि देश छोड़ कर न जाएं ये तय हुआ. साथ ही करीब साढ़े पाँच करोड़ का बॉन्ड लिया है. 17 मई से प्रत्यर्पण के मामले पर सुनवाई शुरू होगी.
सरकार का कहना है कि भारत की जाँच एजेंसियाँ मजूबती से अपनी बात अदालत के सामने रखेंगी. सरकार को उम्मीद है कि विजय माल्या को जल्दी ही भारत वापस लाने में कामयाबी मिलेगी.
वित्तमंत्री अरुण जेटली के हवाले से सूत्रों का कहना है कि विजय माल्या का मामला वहां के पीएम, ट्रेजरी और विदेश सचिव के साथ बैठक में उठाया गया था. दोनों देशों में प्रत्यर्पण को लेकर संधि है. इस मामले में सुनवाई के लिए लंदन ने इसे सही केस माना. केस दाखिल करने के बाद माल्या के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था. अब इस मामले में यूके की कोर्ट में भारत को अपना पक्ष मजबूती से रखना है. इस मामले में सीबीआई और भारतीय उच्चायोग की सक्रियता देखी जाएगी.
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