रामनवमी उत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं की अब तक की सबसे बड़ी आमद की संभावना को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या जिला प्रशासन ने चौकस व्यवस्था करना शुरू कर दिया है. अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भगवान श्री रामलला के भव्य मंदिर का लोकार्पण किया गया था.
तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सेवा के लिए आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राम जन्मभूमि न्यास और जिला प्रशासन के बीच समन्वय बैठकों का दौर जारी है. तीर्थयात्री त्योहार से तीन दिन पहले अयोध्या पहुंचना शुरू कर देंगे और पर्व के बाद दो से तीन दिनों तक यहां रहेंगे.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जिन बिंदुओं पर प्रशासन काम कर रहा है, उनमें अपेक्षित भक्तों की आमद की वास्तविक संख्या का प्रबंधन करना, राम जन्मभूमि मंदिर में निर्बाध और सुरक्षित प्रवेश तथा निकास की पुख्ता व्यवस्था करना शामिल है.''
राम मंदिर न्यास के न्यासी अनिल मिश्रा ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और निजी अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तर और चौबीसों घंटे चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रखने के लिए व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि रामनवमी से पहले और बाद में अयोध्या में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है.
मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं व्यवस्था के हर पहलू पर नजर रख रहे हैं और साथ ही न्यास भी सभी आगंतुकों के लिए सर्वोत्तम संभव प्रबंधन की योजना बना रहा है. रामनवमी का उत्सव सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के साथ शुरू होगा.
उन्होंने बताया कि भगवान राम, उनकी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और भगवान हनुमान की रथयात्राएं कई मंदिरों से आयोजित की जाएंगी. उन्होंने बताया कि लोग पवित्र स्नान के लिए सरयू नदी के तट पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होंगे.
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