कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है. प्रियंका गांधी जिस समय पार्टी के नेताओं के साथ मंच पर बैठी थीं तभी अचानक भीड़ से निकलकर एक शख्स उनके पास पहुंच गया और उनसे कुछ बात करने लगा. उस शख्स को नजदीक आता देख वहां मौजूद सिक्योरिटी के लोग कुछ कर पाते वह प्रियंका गांधी के काफी नजदीक पहुंच चुका था. जब सिक्योरिटी ने उसे हटाने की कोशिश की तो प्रियंका ने उन्हें दूर जाने के लिए कहा. फिर उन्होंने उस शख्स की पूरी बात इत्मिनान से सुनी. प्रियंका के साथ उस समय पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाकर जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई. इस फैसले के बाद यह दूसरा मौका है जब उनकी सुरक्षा में चूक हुई है. जब सीआरपीएफ (CRPF) की सुरक्षा के बावजूद एक शख्स कार लेकर कांग्रेस महासचिव के घर में घुस गया. प्रियंका गांधी ने NDTV से इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि यह घटना 25 नवंबर की है. प्रियंका गांधी के दफ़्तर ने CRPF के सामने मुद्दा उठाया है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि प्रियंका गांधी के घर के बगीचे के पास बने बरामदे में एक लड़की सहित पांच लोग कार लेकर घुस गए.
#WATCH Man breaches security of Priyanka Gandhi Vadra at a party event in Lucknow on Congress foundation day, gets to meet her. pic.twitter.com/v4UtwedMF2
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
इसके बाद कार से उतरकर वे सभी लोग प्रियंका गांधी के बगीचे में गए और कांग्रेस नेता के साथ फोटो खिंचवाने की बात कही. सूत्रों ने कहा कि परिवार उत्तर प्रदेश के एक शहर से उनके साथ फोटो क्लिक करने के लिए आया था. इस घटना से प्रियंका गांधी हैरान थीं, हालांकि उनलोगों के साथ उन्होंने फोटो खिंचवाई.
हालांकि बाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद पर इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) के घर हुई सरक्षा भंग एक 'इत्तेफाक' था. प्रियंका गांधी के घर जो सुरक्षा है इसमें राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा सुरक्षा जांच के बिना अंदर आते हैं. सुरक्षाकर्मियों के पास एक सूचना आई कि राहुल गांधी एक काली सफारी गाड़ी में आने वाले हैं. ठीक उसी समय एक काली सफारी गाड़ी आई और उसमें शारदा त्यागी कांग्रेस कमिटी खरगोरा मेरठ की नेता थीं. चूंकि समय भी वही था, इसलिए वह बिना सिक्यॉरिटी जांच के अंदर चली गईं. समय वही था और गाड़ी भी काली थी तो सिक्यॉरिटी एजेंसियों ने उन्हें जाने दिया. यह एक इत्तेफाक था. इसके बावजूद हमने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है. इस मामले में तीन सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड किया गया है.
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