भारतीय नौसेना ने एक और उपलब्धि हासिल करते हुए स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर MH60R हेलीकॉप्टर की लैंडिंग कराई है. INS विक्रांत पर इस तरह की यह पहली लैंडिंग है. इसके साथ भारतीय नौसेना की एंटी-सबमरीन वारफेयर और फ्लीट सपोर्ट क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है.
भारतीय नौसेना का एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर पहली बार स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सफलतापूर्वक उतारा गयै. यह नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. नौसेना ने अमेरिका में निर्मित MH-60R हेलिकॉप्टर की पहली सफल लैंडिंग का वीडियो साझा किया. उसने इसे पनडुब्बी रोधी युद्ध और बेड़े की क्षमता में एक बड़ी वृद्धि बताया.
Another milestone for #IndianNavy - MH60R helicopter undertakes maiden landing on the indigenously designed & constructed aircraft carrier #INSVikrant.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 31, 2023
A major boost to Indian Navy's Anti-Submarine Warfare & Fleet Support capability.#AatmaNirbharBharat@DefenceMinIndia pic.twitter.com/AGOLEV0QbR
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित MH-60 रोमियो को दुनिया के सबसे उन्नत एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर माना जाता है. इसे नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा.
भारत ने दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए 90.5 करोड़ डॉलर के सौदे के तहत 24 हेलिकॉप्टरों का ऑर्डर दिया है. भारतीय नौसेना में दो हेलीकॉप्टर शामिल किए गए हैं.
सभी मौसम में चलने वाला यह हेलीकॉप्टर कई तरह के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है. यह नौसेना के ब्रिटिश निर्मित सीकिंग हेलिकॉप्टरों की जगह लेगा. सीकिंग हेलिकॉप्टर सन 1971 से नौसेना के हेलीकॉप्टर बेड़े का हिस्सा रहे हैं.
इस महीने की शुरुआत में MH-60R पहली बार आईएनएस कोलकाता पर उतरा था. नौसेना का आईएनएस कोलकाता एक स्वदेशी विध्वंसक है. इसमें निगरानी, जहाज-रोधी, खोज और बचाव जैसी शक्तिशाली क्षमताएं हैं.
स्वदेश निर्मित आईएनएस विक्रांत को पिछले साल सितंबर में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. यह 45,000 टन का कैरियर है जो कि लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था.
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