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उपराष्ट्रपति चुनाव: सीपी राधाकृष्णन होंगे भारत के नए उप राष्ट्रपति

प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मतदान किया. मोदी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह और एल. मुरुगन के साथ संसद भवन के कमरा संख्या 101, वसुधा में स्थापित मतदान केंद्र में अपना वोट डाला.

उपराष्ट्रपति चुनाव: सीपी राधाकृष्णन होंगे भारत के नए उप राष्ट्रपति
  • उप राष्ट्रपति चुनाव में लगभग 96% सांसदों ने दोपहर तीन बजे तक मतदान किया जबकि मतदान शाम पांच बजे तक जारी रहेगा
  • इस चुनाव में राजग के उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन और विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं
  • निर्वाचक मंडल में कुल 781 सदस्य हैं जिनमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्य शामिल हैं
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नई दिल्ली:

देश को कुछ ही देर में नया उप राष्ट्रपति मिल जाएगा. शाम 5 बजे मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद छह बजे मतगणना हुई. जानकारी ये भी है कि  सी पी राधाकृष्णन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग भी हुई है. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं तथा इसमें विप जारी नहीं होता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत लगभग सभी सांसदों ने उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया.

सी पी राधाकृष्णन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग
एनडीए उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग भी हुई है. 438 से अधिक वोट मिलने की संभावना है. 427 एनडीए, 11 वाईएसआरसीपी और कुछ क्रॉस वोटिंग. 

सूत्रों ने बताया कि अपराह्न तीन बजे तक 96 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ. विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अपराह्न तीन बजे तक करीब 760 सांसदों ने मतदान किया. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं तथा वे व्हिप के तहत बाध्य नहीं होते.

उप राष्ट्रपति पद के लिए सी. पी. राधाकृष्णन, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं, जिनका सीधा मुकाबला विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी से है. देश के 17वें उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं), तथा 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं.

बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है. ऐसे में कुल पड़े मतों की संख्या करीब 770 हो सकती है. उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे समाप्त होगा. नतीजे देर शाम तक घोषित होने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मतदान किया. मोदी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह और एल. मुरुगन के साथ संसद भवन के कमरा संख्या 101, वसुधा में स्थापित मतदान केंद्र में अपना वोट डाला. मोदी ने बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश और पंजाब के दौरे पर जाने से पहले, 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘2025 के उप राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया.''

शुरुआत में मतदान करने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और सैयद नासिर हुसैन शामिल थे.

पूर्व प्रधानमंत्री, 92 वर्षीय देवेगौड़ा व्हीलचेयर पर मतदान केंद्र पहुंचे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हाथों में हाथ डाले मतदान केंद्र तक जाते देखे गए. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य नेताओं ने भी मतदान किया.

संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था. उनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हो रहा है. इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं. राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं.

उप राष्ट्रपति पद के राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु की एक प्रमुख ओबीसी जाति गौंडर से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले हैं. राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और फिर जुलाई 2024 में उन्हें महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था.

अपने पूर्ववर्ती धनखड़ के विपरीत, राधाकृष्णन ने राज्यपाल के रूप में विवादास्पद राजनीतिक मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से काफी हद तक परहेज किया है. वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए चुने गए.

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों एक बैठक में राधाकृष्णन की सादगी भरी जीवनशैली और विभिन्न पदों पर रहते हुए जनसेवा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की थी और कहा था कि राधाकृष्णन को खेलों में काफी रुचि हो सकती है लेकिन वह राजनीति में खेल नहीं खेलते.

विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं. वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम् एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं. रेड्डी जुलाई 2011 में शीर्ष अदालत से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने एक फैसले में, नक्सलियों से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित कर दिया था.

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में रेड्डी ने विदेश में बैंक खातों में अवैध रूप से रखे गए बेहिसाबी धन को वापस लाने के लिए सभी कदम उठाने के वास्ते एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था. पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने बतौर न्यायाधीश रेड्डी द्वारा सलवा जुडूम के मामले में दिए गए फैसले को लेकर उन पर निशाना साधा था.

शाह ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पर नक्सलवाद का ‘‘समर्थन'' करने का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं आता, तो वामपंथी उग्रवाद 2020 तक ही खत्म हो गया होता. सलवा जुडूम के फैसले को लेकर अमित शाह द्वारा उन पर किए गए हमले पर रेड्डी ने कहा था कि यह उनका फैसला नहीं था, बल्कि उच्चतम न्यायालय का था तथा शाह को वह फैसला जरूर पढ़ना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर उन्होंने (शाह ने) फैसला पढ़ा होता, तो शायद वह यह टिप्पणी नहीं करते.

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