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दिल्ली पुलिस ने ISI जासूसी मॉड्यूल का किया भंडाफोड़, नेपाली नागरिक गिरफ्तार

पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर 16 सिम कार्ड खरीदे और नेपाल भेजे. इनमें से 11 सिम पाकिस्तान के लाहौर और बहावलपुर जैसे इलाकों में ISI एजेंट्स द्वारा व्हाट्सऐप पर चलाए जा रहे थे.

दिल्ली पुलिस ने ISI जासूसी मॉड्यूल का किया भंडाफोड़, नेपाली नागरिक गिरफ्तार
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
  • दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISI से जुड़े जासूसी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया
  • गिरफ्तार व्यक्ति प्रभात कुमार चौरसिया ने भारतीय आधार कार्ड से सिम कार्ड खरीदकर पाकिस्तान भेजने की बात कबूल की
  • प्रभात ने 2024 में ISI एजेंट्स से संपर्क किया और पत्रकारिता का झांसा देकर जासूसी के लिए इस्तेमाल किया गया
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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े जासूसी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में एक नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया गया है, जो भारतीय सिम कार्ड्स पाकिस्तान भेज रहा था. ये सिम कार्ड्स पाकिस्तान से व्हाट्सऐप पर इस्तेमाल किए जा रहे थे, ताकि जासूसी और भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके.

गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर एक जाल बिछाया गया था. 28 अगस्त 2025 को टीम को पुख्ता इनपुट मिला कि ISI से जुड़ा शख्स लक्ष्मी नगर में मौजूद है. तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम ने उसे पकड़ लिया. आरोपी की पहचान प्रभात कुमार चौरसिया (43 साल), निवासी बीरगंज, नेपाल के रूप में हुई.

पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर 16 सिम कार्ड खरीदे और नेपाल भेजे. इनमें से 11 सिम पाकिस्तान के लाहौर और बहावलपुर जैसे इलाकों में ISI एजेंट्स द्वारा व्हाट्सऐप पर चलाए जा रहे थे. इसके अलावा पुलिस ने आरोपी के पास से कई डिजिटल डिवाइस बरामद की.

जांच में सामने आया कि 2024 में प्रभात का संपर्क ISI एजेंट्स से एक नेपाली माध्यम के जरिए हुआ. उसे लालच दिया गया कि उसे पत्रकारिता के नाम पर अमेरिका का वीजा दिलाया जाएगा. बदले में उससे कहा गया कि वह भारत से सिम कार्ड्स उपलब्ध कराए और रक्षा से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा करे.

प्रभात ने लातूर में बने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर बिहार और महाराष्ट्र से सिम कार्ड खरीदे. बाद में ये सिम नेपाल के रास्ते ISI एजेंट्स तक पहुंचाए जाते थे. पाकिस्तान से बैठे एजेंट्स इन्हीं भारतीय नंबरों पर व्हाट्सऐप बनाकर भारतीय सेना के अधिकारियों से संपर्क करने और संवेदनशील जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे थे.

आरोपी का बैकग्राउंड

  • प्रभात का जन्म 1982 में नेपाल में हुआ
  • शुरुआती पढ़ाई नेपाल और बिहार के मोतिहारी से की
  • B.Sc. (आईटी) और कंप्यूटर हार्डवेयर-नेटवर्किंग में डिप्लोमा किया
  • फार्मा सेक्टर में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और एरिया मैनेजर की नौकरी की
  • 2017 में काठमांडू में लॉजिस्टिक्स कंपनी शुरू की, लेकिन घाटे में डूब गई
  • इसके बाद विदेश जाने के चक्कर में ISI के संपर्क में आ गया और जासूसी गतिविधियों में शामिल हो गया

स्पेशल सेल ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 61(2)/152 के तहत मामला दर्ज किया है. फिलहाल उसके और सहयोगियों की तलाश और ISI से जुड़े नेटवर्क की जांच जारी है.

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