"सुरंग के अंदर अभी भी 25 दिनों का खाना मौजूद": बाहर निकले मजदूर ने सुनाई आपबीती

सुरंग (Uttarakhand Tunnel Rescue Operation) में फंसे अखिलेश सिंह ने बाहर निकलने के बाद एनडीटीवी को बताया, ''सुरंग मेरे सामने ढह गई और तेज़ आवाज़ हुई जिसके बाद मेरे कान बंद हो गए."

नई दिल्ली:

उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार शाम जैसे ही बचावकर्मियों ने बाहर निकाला, उनका ज़ोरदार जयकारों और फूल मालाओं से स्वागत किया गया. सीएम धामी समेत राज्य के अधिकारियों ने उनका नायकों के रूप में स्वागत किया. आपबीती सुनाते हुए एक मजदूर ने कहा कि वह अपने घर जा रहा था, तभी सुरंग अचानक ढह गई. सुरंग में फंसे अखिलेश सिंह ने एनडीटीवी को बताया, ''सुरंग मेरे सामने ढह गई और तेज़ आवाज़ हुई जिसके बाद मेरे कान बंद हो गए."

ये भी पढ़ें-"मुझे 'चमत्कार' के लिए मंदिर जाकर शुक्रिया..." : सिलक्यारा में कामयाबी के बाद बोले एक्सपर्ट आरनॉल्ड डिक्स

18 घंटे तक नहीं था बाहरी दुनिया से संपर्क-श्रमिक

अखिलेश सिंह ने कहा," 18 घंटे तक हमारा बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं था.  हमारी ट्रेनिंग के मुताबिक, फंसने के तुरंत बाद हमने पानी का पाइप खोल दिया. जब पानी गिरने लगा, तो बाहर के लोगों को समझ आया कि अंदर लोग फंसे हुए हैं और उन्होंने हमें पाइप के जरिए ऑक्सीजन भेजना शुरू कर दिया."

सुरंग में अब भी 25 दिनों का खाना मौजूद-श्रमिक

सुरंग से बाहर निकले श्रमिक अखिलेश ने कहा कि जब बचावकर्मी मलबे के जरिए एक स्टील पाइप डालने में कामयाब रहे, तब उनको खाना भेजा गया. उनको सुरंग में इतना खाना भेजा गया था कि अब भी अंदर 25 दिनों के लिए पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि अब वह घर जाकर कम से कम 1-2 महीने आराम करना चाहते हैं. अखिलेश ने कहा, "स्वास्थ्य जांच होने के बाद मैं घर जाने की योजना बना रहा हूं. फिर आगे क्या करना है, यह सोचने से पहले मैं 1-2 महीने का ब्रेक लूंगा." 

सुरंग ढहने के लिए कोई दोषी नहीं-श्रमिक

बता दें कि 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग अचानक ढह गई थी, जिसके बाद अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. 17 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद उनको मंगलवार को बाहर निकाल लिया गया. उत्तरकाशी से करीब 30 किमी दूर, सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का एक अहम हिस्सा है, यह हिमालयी इलाके में करीब 889 किलोमीटर तक फैलेगी.12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा एंट्रेस गेट से करीब 200 मीटर तक ढह गया, जिससे अंदर काम कर रहे मजदूर फंस गए थे. अखिलेश सिंह ने कहा कि यह एक पर्यावरणीय आपदा थी और किसी को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ये भी पढ़ें-"मेहनत और प्रार्थना मिल जाएं तो...": आनंद महिंद्रा और शक्तिकांत दास ने की उत्तराखंड रेस्क्यू टीम की तारीफ