राष्ट्रपति से मिलने से पहले बीजेपी नेताओं ने मार्च निकाला
नई दिल्ली:
उत्तराखंड की लड़ाई अब दिल्ली में राष्ट्रपति के पास पहुंच चुकी है। पहले बीजेपी ने अपने सांसदों-विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात कर वहां की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। कांग्रेस ने अभी भी सरकार के बहुमत होने का दावा किया।
बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'रावत सरकार को बने रहने का हक़ नहीं है क्योंकि वो अल्पमत में है। बीजेपी नेताओं के राष्ट्रपति से मुलाकात के कुछ देर बाद कांग्रेस का शिखर नेतृत्व भी राष्ट्रपति के दरवाज़े पहुंचा। इनकी मांग है कि बहुमत का फैसला विधानसभा में हो।
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि उनके एमएलए को बीजेपी ने बंधक बना कर रखा हुआ है और 28 को ही सदन में बहुमत का फैसला हो। हालांकि बीजेपी ने पहले नौ बागी विधायकों को भी राष्ट्रपति से मिलाने की बात कही थी, लेकिन वो नहीं आए। बीजेपी ने उनके समर्थन की चिट्टी का दावा ज़रूर किया। उत्तराखंड बीजेपी के नेता रमेश पोखरियाल ने कहा, 'वो भी आएंगे जब जरुरत होगी और वो चिट्टी तो दे ही चुके हैं।'
कांग्रेस डरी हुई है कि अरुणाचल की कहानी उत्तराखंड में दुहरा न दी जाए, जहां बहुमत की सरकार हाथ से निकल गई।
बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'रावत सरकार को बने रहने का हक़ नहीं है क्योंकि वो अल्पमत में है। बीजेपी नेताओं के राष्ट्रपति से मुलाकात के कुछ देर बाद कांग्रेस का शिखर नेतृत्व भी राष्ट्रपति के दरवाज़े पहुंचा। इनकी मांग है कि बहुमत का फैसला विधानसभा में हो।
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि उनके एमएलए को बीजेपी ने बंधक बना कर रखा हुआ है और 28 को ही सदन में बहुमत का फैसला हो। हालांकि बीजेपी ने पहले नौ बागी विधायकों को भी राष्ट्रपति से मिलाने की बात कही थी, लेकिन वो नहीं आए। बीजेपी ने उनके समर्थन की चिट्टी का दावा ज़रूर किया। उत्तराखंड बीजेपी के नेता रमेश पोखरियाल ने कहा, 'वो भी आएंगे जब जरुरत होगी और वो चिट्टी तो दे ही चुके हैं।'
कांग्रेस डरी हुई है कि अरुणाचल की कहानी उत्तराखंड में दुहरा न दी जाए, जहां बहुमत की सरकार हाथ से निकल गई।
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