उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान आने वाले तीर्थ यात्रियों के दैनिक सीमा को सीमित कर दिया है. विशेष रूप से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए यह दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं. यात्रा 3 मई से शुरू होगी और यह सीमा पहले 45 दिनों तक लागू रहेगी. यह आदेश 30 अप्रैल को सरकार द्वारा जारी किया गया है.
तीर्थयात्रियों की संख्या की दैनिक सीमा बद्रीनाथ के लिए 15,000, केदारनाथ के लिए 12,000, गंगोत्री के लिए 7,000 और यमुनोत्री के लिए 4,000 है. यह निर्देश इस बात को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है कि इस साल रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है. क्योंकि अभी कोविड को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लागू है.
आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है. साथ ही आदेश जारी करते वक्त यहां के होटलों की क्षमताओं और चार धाम यात्रा मार्ग पर पार्किंग की सुविधाओं को भी ध्यान में रखा गया है. बता दें कि पिछले साल कोरोना की वजह से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
चार धाम यात्रा मार्ग पर वाहनों की आवाजाही भी रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक बंद रहेगी. यात्रा 3 मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी. केदारनाथ 6 मई को और बद्रीनाथ 8 मई को खुलेंगे. हालांकि, ट्रांसपोर्टर और होटल व्यवसायी इस बात से आशंकित हैं कि दैनिक सीमा के अचानक लागू होने से पहले से की गई बुकिंग रद्द हो सकती है. चार धाम यात्रा संयुक्त बस रोटेशन सिस्टम के अध्यक्ष सुधीर रॉय ने कहा, "अचानक दैनिक सीमा लगाने से वाहन, होटल और धर्मशालाओं की अग्रिम बुकिंग करने वालों को अंतिम समय में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है.
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