उत्तराखंड में हुए हिमस्खलन में 10 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 14 लोगों को बचा लिया गया है. वहीं 20 लोगों की तलाश में ITBP और SDRF की टीम लगी हुई हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को उत्तराखंड में हिमस्खलन में हुई लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और बचाव अभियान की पूर्ण सफलता के लिए प्रार्थना की. मुर्मू ने ट्वीट किया, 'उत्तराखंड के उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कई प्रशिक्षुओं की हिमस्खलन से मौत का समाचार अत्यंत दुखद है. सभी शोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं. ईश्वर से प्रार्थना है कि राहत एवं बचाव कार्य में पूर्ण सफलता मिले.'
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में माउंट द्रौपदी का डांडा-2 शिखर पर मंगलवार को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की 41 सदस्यीय टीम के हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद वहां दस शव देखे गए हैं.
बिष्ट ने कहा कि हिमस्खलन सुबह करीब पौने नौ बजे लगभग 17,000 फुट की ऊंचाई पर तब हुआ जब उत्तरकाशी स्थित ‘निम' के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों और सात प्रशिक्षकों का एक दल शिखर से वापस लौट रहा था. कर्नल बिष्ट ने कहा कि हिमस्खलन के बाद टीम के सदस्य हिम-दरारों में फंस गए. उन्होंने कहा कि दस शव देखे गए हैं. उन्होंने कहा कि अंधेरे और खराब मौसम के कारण रात में बचाव कार्य रोक दिया गया है.
कर्नल बिष्ट ने कहा कि ‘निम' में एक उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के तहत, पर्वतारोहण प्रशिक्षुओं का दल अपने प्रशिक्षकों के साथ अधिक ऊंचाई वाली चोटी पर गया था. उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने पहले दिन में कहा था कि फंसे हुए लोगों में से आठ को बचा लिया गया है.
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