काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़े मामले में वाराणसी की एक अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी. सर्वे पिछले शुक्रवार को शुरू हुआ था, लेकिन मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी को लेकर हुए विवाद के कारण पूरी तरह से पूरा नहीं हो पाया है. ज्ञानवापी मस्जिद की कार्यवाहक समिति और उसके वकीलों ने कहा है कि वे मस्जिद के अंदर किसी भी वीडियोग्राफी के विरोध में हैं. लेकिन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने दावा किया है कि उन्हें अदालत की अनुमति मिल गई है.
अदालत आज यह भी तय करेगी कि सर्वेक्षण की देखरेख करने वाले आयुक्त को बदला जाए या नहीं और क्या मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति दी जाएगी. ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील अभय नाथ यादव ने एनडीटीवी को बताया कि अदालत द्वारा कमिश्नर आयुक्त की भूमिका पक्षपातपूर्ण है और अदालत ने मस्जिद में प्रवेश करने का ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है.
महिला याचिकाकर्ताओं के वकील सुभाष रंजन चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत मस्जिद के अंदर भी सर्वेक्षण का आदेश देगी. किसी वादी ने मस्जिद को हटाने की मांग नहीं की है. बिना उचित सर्वेक्षण के आप कुछ भी कैसे तय कर सकते हैं.
बता दें कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और शृंगार गौरी मंदिर विवाद में पांच महिलाओं ने याचिका दायर करके शृंगार गौरी के अंदर पूजा करने की मांग की थी. इन महिलाओं द्वारा दायर की गई याचिका में अदालत से मांग की गई है कि मां शृंगार गौरी के दर्शन पूजन के लिये हर रोज रास्ता खोला जाये.
बता दें, ये रास्ता साल में एक बार सिर्फ चैत्र नवरात्रि के चतुर्थी के दिन खुलता है. इसके साथ ही मस्जिद में हिन्दू देवी देवता के दूसरे विग्रह भी हैं उनके दर्शन पूजन की अनुमति भी दी जाये. इन महिलाओं ने वहां मौजूद देवी देवताओं की जानकारी उपलब्ध करने के लिये जांच करने की भी मांग की. इसी आधार पर ही ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे का काम हो रहा है.
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