ग्रेटर नोएडा के मेवला गोपालगढ़ की महिला प्रधान के पति योगेश तालान के खिलाफ पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है. इन पर आरोप है कि तालान ने मीडिया में कोरोना को लेकर भ्रामक सूचना फैलाई है. पुलिस के मुताबिक, प्रधान के पति ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के कोविड महामारी के रोकथाम के प्रयास को धूमिल करने की साजिश रची. इन्होंने यह गलत खबर फैलाई कि मरीजों का इलाज नही हो रहा है और मरीज मजबूर होकर झोलाछाप डॉक्टर से नीम के पेड़ के नीचे अपना इलाज करवा रहे हैं.
दरअसल, बीते रविवार को NDTV ने मेवला गोपालगढ़ गांव में कोरोना के फैले संक्रमण को लेकर एक स्टोरी की थी. वहां जाने पर पता चला था कि ग्रेटर नोएडा के कई गांवों में दर्जनों लोगों की कोरोना से मौत हो गई है. सैकड़ों लोग बीमार हैं. गौर करने वाली बात ये है कि कोरोना संक्रमण के दौरान ये ग्रामीण झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे हैं. इसके बाद सोमवार को गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों के कोरोना टेस्ट करवाए थे.
एफआईआर दर्ज किए जाने के मुद्दे पर मेवला गोपालगढ़ गांव में प्रधान मीनाक्षी तालान और उनके पति योगेश तालान ने NDTV से कहा कि 'हमने अपने गांव के स्वास्थ्य विभाग की खामियों की बात उठाई . प्रशासन से कोरोना को लेकर जांच की मांग की. टेस्ट की बात की. समय पर इलाज की मांग की. यह गुनाह हो गया.'
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उन्होंने बताया कि 'NDTV में खबर चली, फिर मुकदमा दर्ज हुआ. कोई गुमराह करने वाली बात नही है. खबर दिखाने के बाद कैंप लगा. हमपर कांग्रेसी होने की वजह से निशाना साधा गया है.'
मीनाक्षी का कहना है कि '13 तारीख को गांव में जांच होने की कोई खबर नही है. हमें राजनीतिक वजह से फंसाया गया है. सारा देश देख रहा है. लोग डरे हुए हैं. अस्पताल में जगह नहीं मिल रही है. कैंप लगा तो कुछ पॉजिटिव निकले. 77 जांच ही हुई है. प्रशासन खुद गलत खबर फैला रहा है.'
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क्या है गांवों का हाल
गांव के लोगों के लिए न तो टीके और न ही कोरोना के टेस्ट की सुविधा है. पूरा गांव चंद झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे है. खुर्दपुर गुज्जर गांव में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 50 लोगों का एंटीजन टेस्ट किया. टेस्ट में 3 लोग पॉजिटिव मिले हैं. लेकिन गांव के प्रधान की मानें तो बीते 20 दिन में गांव के 26 लोगों की मौत हो चुकी. सैकड़ों लोग बुखार खांसी से जूझ रहे हैं. वहीं, सैनी गांव में गांव वालों ने एक लिस्ट बनाई है जिसमें 19 अप्रैल से लेकर मई मध्य तक लगभग 16 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग होम आइसोलेशन में हैं. ग्रेटर नोएडा के CEO को व्हाट्सऐप किया गया कि यहां का सैनेटाइजेशन करवा दें, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.
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