कोरोना का कहरः झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे ग्रेटर नोएडा के गांव, इलाज के इंतजार में कई लोगों की मौत

कोरोना महामारी की प्रलयंकारी दूसरी लहर में रोज हजारों लोग काल के गाल में समा रहे हैं. महामारी से दिल्ली-एनसीआर का बुरा हाल है. लोग इलाज के इंतजार में दम तोड़ दे रहे हैं. इलाज मिल भी रहा है तो आधा अधूरा.

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी (Coronavirus) की प्रलयंकारी दूसरी लहर (Covid Second Wave) में रोज हजारों लोग काल के गाल में समा रहे हैं. महामारी से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) का बुरा हाल है. लोग इलाज के इंतजार में दम तोड़ दे रहे हैं. इलाज मिल भी रहा है तो आधा अधूरा. एनडीटीवी ने दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में प्रशासन के इंतजाम के बारे में जानने की कोशिश तो रूह कंपा देने वाली हकीकत सामने आई. ग्रेटर नोएडा के जिन गांवों की बेशकीमती जमीनों पर लाखों करोड़ों के फ्लैट बने हैं उन गांवों में दर्जनों लोगों की कोरोना से मौत हो गई. सैकड़ों लोग बीमार हैं. गौर करने वाली बात ये है कि कोरोना संक्रमण के दौरान ये ग्रामीण झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे हैं. हमारे देश में एक हजार आबादी पर एक डाक्टर है इसीलिए स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही है. चुनाव में सेहत कोई मुद्दा रहा ही नहीं. यही वजह है कि श्मशान घाट में जगह नहीं मिल रही है. कब्रिस्तान में जगह नहीं मिल रही है.

खुर्दपुर गुज्जर गांव में 20 दिन में 26 लोगों की मौत
ग्रेटर नोएडा के खुर्दपुर गुज्जर गांव में बुधवार को एंटीजन टेस्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 50 लोगों का ऐंटीजेन टेस्ट किया. टेस्ट में 3 लोग पॉजिटिव मिले हैं. लेकिन गांव के प्रधान की मानें तो बीते 20 दिन में गांव के 26 लोगों की मौत हो चुकी. सैकड़ों लोग बुखार खांसी से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं प्रधान ने बताया कि गांव में 26 लोगों की मौत के बाद मीडिया में खबरें आईं तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस ओर रुख किया है.

सामने आई लापरवाही की भयावह तस्वीर
एनडीटीवी की टीम जब खैरपुर खुर्द से जब ग्रेटर नोएडा के सैनी गांव की ओर बढ़ी तो लापरवाही की और भी भयावह तस्वीर सामने आई. सैनी गांव के विजय नागर ने बताया कि बीते एक सप्ताह के भीतर बुखार और आक्सीजन कम होने से उनके दो चाचा की मौत हो गई. गांव वालों ने एक लिस्ट बनाई है जिसमें 19 अप्रैल से लेकर अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग होम आइशोलेशन में हैं. विजय नागर ने बताया कि 19 अप्रैल को ताऊ की कोरोना से मौते होने के बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के CEO को व्हाट्सऐप किया कि यहां का सैनेटाइजेशन करवा दें, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

कई घरों में बुखार में तप रहे लोग
सैनी गांव के अजब सिंह नागर ने बताया कि मेरे गांव में 20 लोगों की मौत हुई है लेकिन न कोई सुनने वाला है न कोई कुछ करने वाला है. कई लोग बुखार में घरों में पड़े हैं. और तो और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यहां आधा दर्जन कर्मचाारियों की ड्यूटी लगा रखी है. महज एक आक्सीजन सिलेंडर को बांटने के लिए.

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झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे गांव
इन गांव के लोगों के लिए न तो टीके और न ही कोरोना के टेस्ट की सुविधा है. पूरा गांव चंद झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे है. गांव वालों ने कहा कि यहां झोलाछाप न हो तो हमें कोई पूछने वाला नहीं है. ये दिल्ली से महज 35 किमी दूर और ग्रेटर नोएडा के गगनचुंबी इमारतों के बीच के गांवों का हाल है. दूरदराज के गांवों में कोरोना संक्रमण के फैलाव के बारे में सोचना ही एक डर पैदा कर देता है.